पाकिस्तान ने साेचा भी नहीं हाेगा कि छाेटी सी सर्जिकल स्ट्राइक उस पर इतना भारी पड़ेगा. शनिवार काे घाटशिला काेर्ट से बरी हाेने के बाद लाैटने के क्रम में डिमना चाैक पर बातचीत में श्री नामधारी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने का अधिकार सेना आैर प्रधानमंत्री काे है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. ऐसा करने से सेना का मनाेबल गिरेगा, साथ ही राजनीतिक दल के लाेग भविष्य में सेना के मामलाें में सीधे हस्तक्षेप करने का प्रयास करेंगे.
श्री नामधारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में सेना ने पाक काे शिकस्त दी, स्व. इंदिरा गांधी ने ताे पाकिस्तान के दाे टुकड़े ही कर दिये, लेकिन उन्हाेंने दोनों ही मामले में राजनीतिक तूल नहीं दिया गया. श्री नामधारी ने कहा कि उरी की घटना ने पूरे देश काे हिला कर रख दिया था. इस पर जवाबी कार्रवाई की हर तरफ से मांग उठ रही थी. प्रधानमंत्री का इशारा हाेते ही सेना ने सटीक कार्रवाई की. आचार संहिता मामले में बरी हाेने पर श्री नामधारी ने कहा कि काफी राहत महसूस कर रहे हैं. इस दौरान श्री नामधारी के साथ गुरदीप सिंह पप्पू, सतिंदर सिंह बंटी, एसएन गुलजार, शंकर मुखी समेत अन्य लोग भी घाटशिला गये थे.