जमशेदपुर: टाटा स्टील का वेज रिवीजन वार्ता नतीजे की ओर बढ़ने लगा है. यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह और महामंत्री बीके डिंडा के साथ कंपनी के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के बीच लंबी वार्ता चली. वार्ता के दौरान मैनेजमेंट की ओर से संकेत दिये गये है कि शीघ्र ही वेज रिवीजन समझौता कर लिया जाये.
वहीं, यूनियन ने भी बताया कि इसे लेकर काफी दबाव बढ़ रहा है. इस पर दोनों ओर से एक-एक कदम पीछे हटते हुए मैनेजमेंट ने दो ऑप्सन यूनियन को सुझाये है. इसमें कहा गया है कि मैनेजमेंट सात साल का समझौता करेगी तो एमजीबी 20 फीसदी या उसके आसपास रख सकती है ताकि समय का ज्यादा नुकसान न हो.
वहीं, यूनियन अगर पांच साल पर समझौता करेगी तो 15 फीसदी तक का एमजीबी (मिनिमम गारंटीड बेनीफिट) देने की बात कहीं गयी है.अगर ज्यादा जिद्द हुआ तो 17 फीसदी भी किया जा सकता है, लेकिन एलाउंस में कटौती की जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को हुई बैठक में कई मुद्दे पर सहमति बन गयी. समय को लेकर दो ऑप्सन तैयार किया गया, जिसमें कहा गया कि अगर पांच साल का समझौता होता है तो यह लाभ मिलेगा और अगर सात साल का समझौता होता है तो क्या लाभ मिलेगा. इन सभी विकल्प पर सोचने और मातहत पदाधिकारियों से रायशुमारी किये जाने के बाद ही कोई फैसला लेने की बात कहीं गयी है.
दोनों ही विकल्प पर सोचने के लिए शुक्रवार और शनिवार तक का समय लिया गया है. बताया जाता है कि 24 फरवरी को एजीएम तक फैसला लेने के मूड में मैनेजमेंट और यूनियन हैं. वार्ता के बारे में यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह और महामंत्री बीके डिंडा से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ने ही कोई रिस्पांस नहीं दिया.