जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान संशोधन को लेकर बुलाये गये एजीएम पर सियासत तेज हो गयी है. ग्रेड रिवीजन में हो रही देरी के खिलाफ लोग उग्र हो रहे हैं. इसी कड़ी में सत्ता पक्ष के कमेटी मेंबर से लेकर विपक्ष तक हमलावर रुख अख्तियार कर रहा है. अध्यक्ष पीएन सिंह के करीबी कमेटी मेंबरों यह डिमांड की जा रही है कि पहले ग्रेड रिवीजन कराया जाये और फिर संविधान संशोधन करें.
मजदूरों का हित पहले देखें
मजदूरों का हित पहले देखना चाहिए. अपना बाद में देखना चाहिए. लेकिन सत्ता में बैठे लोग पहले ग्रेड रिवीजन नहीं कराकर संविधान संशोधन करा लेना चाहते हैं ताकि अपनी सत्ता सुरक्षित रहे. पहले मजदूरों का हित देखने के लिए उनको सत्ता में मजदूरों ने लाया है.
शैलेश सिंह, पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट, टाटा वर्कर्स यूनियन
संविधान संशोधन पहले जरूरी नहीं
संविधान संशोधन जरूरी मुद्दा नहीं है. ग्रेड रिवीजन जरूरी है. एनजेसीएस में समझौता हो चुका है और हम लोग संविधान संशोधन में लगे हुए हैं. इस पर पुनर्विचार होना चाहिए.
-जे आदिनारायण, कमेटी मेंबर, एचएसएम
ग्रेड हर हाल में जरूरी
संविधान संशोधन बाद में भी होता रहेगा लेकिन पहले ग्रेड रिवीजन हो. मजदूरों को हम लोग जवाब नहीं दे पा रहे हैं. हम पीएन सिंह के साथ हैं, लेकिन संविधान संशोधन के पहले ग्रेड रिवीजन चाहते हैं.
-बीबी सिंह, कमेटी मेंबर, सर्विसेज पुल
ग्रेड से सबको लाभ
ग्रेड रिवीजन होने से सबको लाभ होगा. इस कारण इस पर पहले फैसला होना चाहिए. संविधान संशोधन से कुछ लोगों को ही लाभ होगा. इसको लेकर सबको पुनर्विचार करने की जरूरत है और ग्रेड रिवीजन करने के बाद फिर से संविधान संशोधन को नियमों के तहत पूरा कर लिया जाये.
-अजीत लकड़ा, कमेटी मेंबर, सिंटर प्लांट
संविधान संशोधन की हड़बड़ी क्यों
संविधान संशोधन को लेकर हड़बड़ी क्यों दिखायी जा रही है. न तो कॉपी सबको दी गयी है और न ही कोई प्रोसेस ही अपनाया गया और अब सीधे एजीएम की तिथि घोषित कर दी गयी. ग्रेड रिवीजन क्यों नहीं पहले होना चाहिए, इसका जवाब मजदूरों को देना होगा. पहले ग्रेड रिवीजन कराया जाये.
सरोज सिंह, कमेटी मेंबर, टय़ूब