जमशेदपुरः घाघीडीह जेल में आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में सशस्त्र पुलिस बल का घोर अभाव है. इसके लिए कई बार खुफिया विभाग की ओर से भी डीसी और एसएसपी को ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है.
इसके बावजूद अभी तक कोई व्यापक इंतजाम नहीं किया जा सका है. केंद्रीय जेल का दर्जा दिये जाने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी की जा रही है. पूर्व में वर्चस्व को लेकर परमजीत सिंह की हत्या भी हो चुकी है. इसके बावजूद जेल में सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. एक हजार से ज्यादा बंदियों से भरे घाघीडीह जेल की सुरक्षा पर हमेशा सवालिया निशान उठते रहे हैं. क्षेत्रफल के अनुसार जेल में सीसीटीवी काफी कम है. उनमें से ज्यादातर खराब हैं. बिजली चली जाये तो सीसीटीवी काम नहीं करता है. इसकी वजह से जेल प्रशासन बंद कैदियों की गतिविधियों पर भी नजर नहीं रख पा रहा है.