इस दौरान विद्यार्थियों ने नारेबाजी करने के साथ ही कॉलेज प्रशासन पर मनमानी करने का आरोप लगाया. सभी ने परीक्षा विभाग में वेरीफिकेशन का काम कर रहे प्रोफेसर को भी बाहर निकाल दिया. इसके बाद सभी प्रिंसिपल के चैंबर के बाहर धरने पर बैठ गये. इससे पहले सभी ने परीक्षा विभाग में तालाबंदी की, इसके बाद कॉमर्स, साइंस और कला विभाग में तालाबंदी करते हुए स्टाफ रूम में भी तालाबंदी की. विद्यार्थियों के हंगामे के दौरान छात्र नेता हेमंत पाठक ने सभी को कहा कि वे उनके आंदोलन के साथ हैं.
अगर डॉ शुक्ला लिखित रूप से फॉर्म भरने की सहमति नहीं देते हैं, तो परीक्षा को बाधित किया जायेगा. इस मसले पर सभी ने बुधवार से भूख हड़ताल पर बैठने की भी बात कही. हेमंत पाठक ने कहा कि कॉलेज में प्रोफेसर की कमी है. बैठने की व्यवस्था नहीं है अौर कहा जाता है कि सभी विद्यार्थी कॉलेज पहुंचें. पहले आधारभूत संरचना को दुरुस्त होनी चाहिये.