जमशेदपुर: सर्द रात. खुला आसमान, लेकिन जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं थी. मंच से प्ले बैक सिंगर शिल्पा राव हर किसी को झुमा रही थीं. उपस्थित लोगों को डांस करने पर मजबूर कर रही थी. युवाओं की टुकड़ी अलग-अलग ग्रुप में बंटी थी तो कई वन्स मोर के नारे भी लगा रहे थे.
दरअसल, शनिवार की शाम को जीइटी क्लब टेल्को की ओर से आयोजित ह्वील्स 2014 का समापन हुआ. समारोह में प्ले बैक सिंगर शिल्पा राव खास तौर पर शहर पहुंची थी. उन्होंने एक के बाद एक अपने गाये दर्जन भर गाने गाये. शिल्पा राव ने जब है जान फिल्म का इश्क सवा मुश्क सबा.., बचना ए हसीनों का खुदा जाने ये क्या हो गया है.., पा फिल्म की उड़ी -उड़ी मैं इत्तेफाक से .., लुटेरा फिल्म का मनमरजाइयां समेत कई अन्य गाने गाकर युवाओं का खूब मनोरंजन किया.
ह्वील्स का इंतजार हर किसी को
शनिवार की शाम ह्वील्स के समापन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के मौके पर मुख्य अतिथि टाटा मोटर्स के प्लांट हेड एबी लाल, टेल्को वर्कर्स यूनियन के महासचिव चंद्रभान सिंह, टीएमएल ड्राइवलाइन के सीइओ संपत कुमार और ह्वील्स आयोजन समिति के चेयरमैन मोहन कुमार उपस्थित थे. प्लांट हेड एबी लाल ने कहा कि ह्वील्स जीइटी क्लब के इस कार्यक्रम का इंतजार न सिर्फ शहर के स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को बल्कि इससे जुड़े हर शख्स को रहता है. उन्होंने इसके जरिये आयोजकों के साथ-साथ इसमें हिस्सा लेने वालों के विकास की बात कही. इस मौके पर सभी अतिथियों द्वारा सभी सफल बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया.
बच्चों को दंड देना कितना उचित
ह्वील्स के दौरान शनिवार को स्कूली बच्चों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें कुल चार स्कूलों की टीमों ने हिस्सा लिया था. फाइनल में बच्चों को टॉपिक दिया गया था कि क्या बच्चे को दंड देना सही है. इस टॉपिक के पक्ष और विपक्ष में बच्चों ने अपनी-अपनी राय रखी. अंत में एलएफएस की टीम विजेता रही. एलएफएस की टीम ने अपने तर्क के माध्यम से यह पेश करने की कोशिश की कि बच्चे को दंड देना चाहिए. इससे बच्चे में डर बना रहता है और वे गलत नहीं करते हैं. लोयोला स्कूल की टीम उपविजेता बनी.
आइसक्रीम के चम्मच का पुल
ह्वील्स के समापन के मौके पर बच्चों के बीच ब्रिज द गैप नामक एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें बच्चों को आइसक्रीम खाने वाले चम्मच, रस्सी और फेविकॉल दिये गये थे. तीनों के इस्तेमाल से सबों को पुल बनाना था. जज ने पुल के वजन और पुल पर कितने का वजन सहा जा सकता है, इस आधार पर विजेता का चयन किया. इसमें आरवी के रेयान सिंह को प्रथम पुरस्कार दिया गया. विद्या भारती चिन्मया विद्यालय की टीम उपविजेता बनी.