न्यूनतम मजदूरी देने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत कन्वाई चालकों के मामले में उपायुक्त अमित कुमार ने एसअोआर बिंदेश्वरी तातमा, एसडीअो सूरज कुमार अौर डीसीएलआर मनोज कुमार रंजन की जांच टीम गठित की थी.
टीम ने उप श्रमायुक्त कार्यालय में जाकर चालकों की श्रेणी व न्यूनतम मजदूरी के बारे में जानकारी ली. वहां बताया गया कि चालक कुशल मजदूर की श्रेणी में आते हैं. सरकार द्वारा कुशल मजदूर की न्यूनतम मजदूरी 306 रुपये निर्धारित है. जांच टीम ने टीटीसी जाकर वहां के मुख्य पदाधिकारी महेश शरण से जानकारी ली. वहां मौजूद 11 ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि उनके द्वारा कन्वाई चालकों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान दूरी के हिसाब से किया जाता है. उन लोगों का टाटा मोटर्स से करार है अौर सभी स्थानों की दूरी की जानकारी है जिसके आधार पर वे कन्वाई चालकों को भेजते हैं. दूरी के अनुसार पचास प्रतिशत राशि गाड़ी लेकर जाने के पूर्व अौर पचास प्रतिशत राशि गाड़ी के पहुंचाने के बाद दी जाती है. ट्रांसपोर्टरों ने जांच पदाधिकारियों को बताया कि चालक कन्वाई को आउट सोर्स कर देते हैं या निबंधित के स्थान पर कोई दूसरे चालक चले जाते हैं.
कन्वाई चालक अगर उनके यहां नियोजित हो जाते हैं तो वे न्यूनतम मजदूरी, अोवर टाइम, रात्रि भत्ता दे सकते हैं. जांच टीम ने कन्वाई चालकों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने की बात रिपोर्ट में कही है.