आदित्यपुर:खरकई नदी पर आदित्यपुर व जमशेदपुर के बीच पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में टोल ब्रिज का निर्माण करने वाली कंपनी आदित्यपुर टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड घाटे में चल रही है. कंपनी घाटा से उबरने के लिए प्रिफ्रेंस शेयर जारी करेगी.
कंपनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह शेयर इसके शेयर होल्डर (प्रमोटर) के लिए होंगे. कंपनी के प्रमोटरों में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, आयडा आदि के साथ 12 प्रमोटर्स हैं. शेयर से उगाही गयी राशि बैंक ऋण चुकाने में किया जायेगा. टोल ब्रिज के निर्माण में करीब 70 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इस राशि को 30 सालों में पुल से गुजरने वाले वाहनों पर लगने वाले टोल टैक्स से हासिल करने का प्रावधान है. इसके बाद पुल को सरकार को सौंप दिया जायेगा. पुल पर से वर्ष 2011 से वाहनों का परिचालन हो रहा है.
सरकार के पास भी ही बकाया : कंपनी को घाटा से बचाने के लिए एटीबीसीएल की ओर से झारखंड सरकार के पास टोल टैक्स की दर में संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है, जो अब तक सरकार के पास लंबित है. साथ ही दो पहिये वाहनों को टोल फ्री किये जाने के एवज में सरकार की ओर से मुआवजा के रूप में मिलने वाली राशि भी कंपनी को काफी दिनों से नहीं मिली है. प्रतिमाह के हिसाब से मिलने वाली इस राशि के भुगतान की भी मांग सरकार से की गयी है.
कंपनी की बोर्ड मीटिंग 29 को : एटीबीसीएल बोर्ड की बैठक 29 जून को अपराह्न तीन बजे आयडा के विकास भवन में होगी. इसमें कंपनी से संबंधित कई मुद्दों पर चरचा करते हुए निर्णय लिये जायेंगे.
आय से अधिक हो रहा खर्च
एटीबीसीएल को आय से अधिक खर्च हो रहा है. कंपनी को करीब 40 करोड़ रुपये बैंक से ऋण मिला है. ऋण के एवज में कंपनी को प्रतिवर्ष करीब 4 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में अदा करने पड़ते हैं. ब्याज की राशि के साथ इसके संचालन में हो रहे खर्च मिलाकर बनने वाली राशि आय से अधिक है. आय बढ़ाकर घाटा कम करने के लिए शेयर से पैसे की व्यवस्था कर बैंक का ऋण चुकाया जायेगा. इससे ब्याज के मद में खर्च होनी वाली बड़ी राशि से मुक्ति मिलेगी.