इस पर सभी डीइअो ने प्रतिनियुक्ति को रद्द करने की बात बतायी. हालांकि जमशेदपुर डीइअो मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने प्रतिनियुक्ति को रद्द नहीं किया है. उनका तर्क था कि कई ऐसे स्कूल हैं जहां एकल शिक्षक हैं, इस तरह के स्कूल में अगर शिक्षकों का प्रतिनियोजन न हो तो फिर स्कूल चलाना संभव नहीं होगा. उन्होंने सचिव को बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में शिक्षक की बहाली नहीं हुई है. हाइ स्कूल से 6 शिक्षकों का प्रतिनियोजन वहां किया गया है.
यही हाल मॉडल स्कूल का भी है. अगर मॉडल स्कूल से शिक्षकों का प्रतिनियोजन हटाया गया तो पठन-पाठन ठप हो जायेगा. बिरसानगर स्कूल में भी यही हाल है, वहां एक शिक्षक है जबकि 3 शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है. इसके बाद सचिव ने निर्णय लिया गया कि जमशेदपुर में सही किया गया है. ऐसे स्कूल जहां एकल शिक्षक हैं या फिर जहां शिक्षक नहीं लेकिन छात्र ज्यादा है, इस तरह के विद्यालय में शिक्षकों की कमी होने पर प्रतिनियुक्ति की जा सकती है. लेकिन इसमें काफी सतर्क रहने की जरूरत है. ग्रामीण इलाके से शहर में प्रतिनियोजन करने का आवेदन देने वाले की सही तरीके से जांच करने का आदेश दिया गया.