जमशेदपुर. रविवार को करनडीह दिशोम जाहेरथान प्रांगण में आरक्षण की आड़ में आदिवासी अस्तित्व पर हमला पर गोष्ठी का आयेाजन किया गया. मौके पर सीआर माझी ने कहा कि यदि आदिवासी लड़की का विवाह गैर आदिवासी से हो जाता है, तो उसे आदिवासी नहीं माना जा सकता है. वहीं हाल के दिनों में गैर आदिवासी से विवाह करने के बाद भी लड़की को आदिवासी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है.
इस तरह आरक्षण की आड़ में अादिवासी अस्तित्व पर हमला हो रहा है. सिद्दो-कान्हू हूल अखड़ा के केसी मार्डी व आदिवासी मुंडा समाज के रामसिंह मुंडा ने कहा कि गैर आदिवासी से विवाह के बाद लड़की को आदिवासी का लाभ देना उचित नहीं है.
इसके लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जायेगा. पंचायत चुनाव में कई ऐसे मामले हैं, जिनके पति गैर आदिवासी हैं, लेकिन महिला आदवासी का आरक्षण लेकर मुखिया व जिला परिषद सदस्य भी बनी हैं. इस पर रोक लगना जरूरी है. गोष्ठी में रमेश हांसदा, नरेश मुर्मू, शंकर सोरेन, सरस्वती टुडू, बारी मुर्मू, मेघलाल टुडू, मायावती टुडू, जमुना हांसदा, महेंद्र अलडा, साकरो सोरेन, गणेश टुडू, रंजीत हांसदा, सेन बासू हांसदा, बुढान माझी, गुना हेंब्रम, गुरबा हांसदा, पालटन टुडू, बी सोरेन, रामसाई टुडू, अर्जुन माझी समेत अन्य मौजूद थे.