मुंबईः संजय दत्त की अदाकारी ऐसी है कि पब्लिक तीन दशक से सिर-आंखों पर बिठाई हुई है. लेकिन उन्होंने किया एक ऐसा गुनाह कि साढ़े तीन साल तक जिंदगी जेल में गुजरेगी.
जेल की जिंदगी का काउंटडाउन शुरू हो गया है. सवाल है कि कैसे कटेगी संजय दत्त की जेल?
बॉलीवुड के सबसे महंगे अभिनेताओं में से एक संजय दत्त की जिंदगी मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में एक आम कैदी की तरह ही गुजर रही है. सुबह तय समय पर उठना, जेल का भोजन करना अपने सेल में पड़े रहना. लेकिन इन सबके बीच संजय दत्त सुबह-सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करना नहीं भूलते.
खता तो चंद लम्हों में हुई, पर सजा में साल-दर-साल गुजरते जाएंगे. दिल को जीत लेने वाले नायक का किरदार हो या रूह कंपा देने वाले खलनायक का या उदासी में गोता लगाते चेहरों पर हंसी बिखेर देने वाले कॉमेडियन की, हर भूमिका को अपने अलग अंदाज में निभाने वाले संजय दत्त के लिए जिंदगी ने एक नई भूमिका तैयार कर दी- कैदी की.
1993 के मुंबई बम धमाकों के समय अवैध तरीके से हथियार रखने के लिए दोषी ठहराए गए संजय दत्त को मुंबई के ऑर्थर रोड जेल में बंद किया गया है. मखमली सेज पर सोने वाले सुपरस्टार के लिए जेल की जमीन ही अब बिस्तर है और प्रशंसकों की भीड़ की जगह ले ली है जेल की तन्हाई ने.
गुरुवार की शाम संजय दत्त को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल लाया गया. इस जेल के एक स्पेशल सेल में संजय दत्त को रखा गया है. बाहरी दुनिया में संजय दत्त चाहे जितनी बड़ी शख्सियत हों, जेल के भीतर उन्हें आम कैदी की तरह ही रहना पड़ता है. यहां घड़ी की टिक-टिक के साथ आगे बढ़ती है मुन्नाभाई की ज़िंदगी.
शुक्रवार की सुबह संजय दत्त के लिए जेल की पहली सुबह थी. संजय दत्त साढ़े 6 बजे दूसरे कैदियों की तरह ही सोकर जग गए. उसके कुछ देर बाद इन्हें सुबह की चाय मिली. संजय दत्त को नाश्ते में पोहा दिया गया. लेकिन उसके बाद कैंटीन से बिस्किट खरीदकर वो खाते रहे. वैसे तो दोपहर में उनके लिए घर से खाना गया था, लेकिन संजय दत्त ने घर का खाना लौटा दिया. जेल मेनू के मुताबिक मिलने वाली दाल और चपाती खाई. शाम को नाश्ते में संजय दत्त ने केले खाए. खास बात ये है कि जिस जेल का खाना अच्छे-अच्छों के हलक के नीचे नहीं उतरता, वो खाना संजू बाबा को बेहद लजीज लगा. यही वजह है कि रात में भी संजय दत्त ने जेल का ही खाना खाया.
पिछली बार संजय दत्त ने जेल में कुर्सियां बनाने का काम किया था. लेकिन इस बार उनके करीबी माने जाने वाले महेश भट्ट के मुताबिक, संजय दत्त कैदियों को ड्रामा सिखाएंगे और हां, वक्त मिला, तो अपनी जिंदगी के फलसफे की हकीकत किताब की शक्ल में दुनिया के सामने लाएंगे.
तीन घंटे की फिल्म में ना जाने कितनी बार कपड़े बदलने वाले संजय दत्त के लिए जेल की सलाखों के पीछे कैदियों का वही परंपरागत कपड़ा पहनना है, सफेद पैंट और कमीज. संजय दत्त जानते है कि जेल की तन्हाई कैसे काटने को दौड़ती है, इसलिए खबर है कि अपने साथ वो रामायण, हनुमान चालीसा और गीता भी लेकर गए हैं.
संजय दत्त रोज सुबह 8 बजे हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और साथ ही रूद्राक्ष की माला फेरते हैं. जेल में भी ये रुटीन कायम है.
जेल की उदास शाम और अकेलेपन की अंधेरी रातों में क्या पता रामायण, हनुमान चालीसा और गीता ही मुश्किल हालात का सामना करने की हिम्मत दे दे.
फिल्म अभिनेता संजय दत्त को पिछले गुरुवार को ऑर्थर रोड जेल में भेजा गया. लेकिन संजय दत्त चाहते हैं कि उन्हें पुणे के यरवडा जेल में भेज दिया जाए, जहां पिछली बार भी उन्होंने अपनी कुछ सजा काटी थी. संजय दत्त और उनसे मिलने पहुंची बहन प्रिया दत्त ने जेल अधिकारियों से गुहार भी लगाई, लेकिन सोमवार से पहले यरवडा जेल दूर ही दिखती है.