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दरिद्रनारायणों की भी मनती है पार्टी

ब्रजेश सिंह जमशेदपुर : हरि सिंह लौहनगरी के बिष्टुपुर में रहते हैं. टाटा स्टील के जूनियर इंजीनियर हैं. उन्होंने दरिद्रनारायण के लिए हर दिन पार्टी करने की व्यवस्था की है. इसके लिए अनोखा कदम उठाया है. लोगों की शादी, बर्थडे और अन्य पार्टियों के बचे हुए खाने को बरबाद होने से तो बचाते ही हैं, […]

ब्रजेश सिंह

जमशेदपुर : हरि सिंह लौहनगरी के बिष्टुपुर में रहते हैं. टाटा स्टील के जूनियर इंजीनियर हैं. उन्होंने दरिद्रनारायण के लिए हर दिन पार्टी करने की व्यवस्था की है. इसके लिए अनोखा कदम उठाया है. लोगों की शादी, बर्थडे और अन्य पार्टियों के बचे हुए खाने को बरबाद होने से तो बचाते ही हैं, हर दिन गरीबों की पार्टी भी कराते हैं.

इन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर खाना बच जाये और लगे कि यह बरबाद हो जायेगा, तो उनसे फोन नंबर 9204019605, 9031356581 और 7209600619 पर संपर्क करें. उनका बेकार खाना गरीबों का पेट भरने के काम आयेगा.

इस मुहिम की शुरुआत उन्होंने तब की, जब उनकी बहन की शादी हुई. शादी के बाद कैटरिंगवाले बचे खाने को फेंक रहे थे. तब हरि सिंह ने उन्हें रोका और स्टेशन पर जाकर वह खाना गरीबों को खिलाया. बस यहीं से उन्होंने बचे हुए खाने के सही इस्तेमाल की मुहिम छेड़ दी.

उन्होंने मिशन अन्नपूर्णा की शुरुआत की. देखते ही देखते कई युवा उनके साथ हो लिये. बाद में वाॅयस ऑफ ह्यूमैनिटी नामक संस्था बनायी. दिसंबर में शुरू हुई इस मुहिम को लोगों का भी जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. लोग खुद फोन करके बचा हुआ खाना देने के लिए संपर्क करते हैं. संस्था के लोग पार्टी स्थल से जाकर खाना कलेक्ट करते हैं और गरीबों की पार्टी कराते हैं. हरि सिंह कहते हैं कि इसके दो फायदे हैं. एक तो खाना बेकार नहीं होता. खाना नाली में या इधर-उधर नहीं फेंकने से शहर भी साफ रहता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता. जिस टेस्टी खाने की गरीब कभी कल्पना भी नहीं करते, उन्हें उस भोजन का लुत्फ मिल जाता है.

ऐसे काम करता है वाॅयस ऑफ ह्यूमैनिटी

बचे हुए खाने की सूचना मिलते ही टीम का सदस्य व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से सभी को सूचित कर देता है. इसके बाद गाड़ियां और बर्तन लेकर रात 11 से 12 बजे के बीच एक जगह पहुंच जाते हैं. वहां से सारा खाना लेकर सीधे फुटपाथ, स्टेशन के बाहर, अस्पतालों के आसपास जाते हैं और गरीबों को भोजन करा देते हैं. इस तरह हर रात 70 से 120 लोगों को खाना मिल जाता है. इस व्यवस्था में जो भी खर्च आता है, उसे टीम के सदस्य खुद वहन करते हैं.

खाना बचे, तो फेंकें नहीं

संस्था के सदस्य लोगों से अपील करते हैं कि रात 11 बजे तक पार्टी के बचे हुए खाने के बारे में उन्हें सूचित कर दें, ताकि समय पर उसे कलेक्ट किया जा सके. इसके लिए टीम के सदस्य अपने साथ बर्तन भी ले जाते हैं. सड़क पर भूखे, लाचार जरूरतमंदों को उसी रात भोजन करा देते हैं.

टीम के सदस्य : महेश, नवदीप, मनीष, अजय, विमल, मोहन, महेश, रितेश, राहुल, रोहित, रवि, चितरंजन, रोशन, दिलीप, उत्तम शामिल हैं.

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