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केयू: शिक्षक संघ ने आम सभा कर की घोषणा, बायोमीट्रिक अटेंडेंस के लिए बाध्य नहीं

जमशेदपुर : कोल्हान विवि शिक्षक संघ (टाकू) ने कहा है कि राज्य विवि अधिनियम व अध्यादेश में बायोमीट्रिक के माध्यम से उपस्थिति का उल्लेख नहीं है इसलिए शिक्षक केयू के आदेश को मानने को बाध्य नहीं है. सोमवार को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज शिक्षक सदन में एक आम सभा कर टाकू ने कई निर्णय लिया व […]

जमशेदपुर : कोल्हान विवि शिक्षक संघ (टाकू) ने कहा है कि राज्य विवि अधिनियम व अध्यादेश में बायोमीट्रिक के माध्यम से उपस्थिति का उल्लेख नहीं है इसलिए शिक्षक केयू के आदेश को मानने को बाध्य नहीं है. सोमवार को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज शिक्षक सदन में एक आम सभा कर टाकू ने कई निर्णय लिया व वीसी को अपनी मांगों से अवगत कराने का निर्णय लिया. बैठक में सभी महाविद्यालय शिक्षक संघ इकाई के अध्यक्ष, सचिव व शिक्षक- शिक्षिकाअों ने हिस्सा लिया.

इस दौरान महासचिव राजेंद्र भारती, डॉ रामप्रवेश प्रसाद, कृष्णा प्यारे, विनय कुमार गुप्ता, एस पी महालिक, विनोद कुमार, निवारण, श्रीनिवास कुमार, नरेश कुमार, एसबी लाल, पुरुषोत्तम प्रसाद, एमडीपी सिंह, केएम हांसदा, मानदेव प्रसाद, रागिनी भूषण, पी पी सेजा, इंदल पासवान, दिलचंद राम, संजीव कुमार सिंह, गीता मिश्रा, दारा सिंह गुप्ता, प्रभात कुमार सिंह, अशोक कुमार रवानी, राजीव कुमार, मुदिता चंद्रा, प्रीतिबाला सिन्हा आदि उपस्थित थे.
बैठक में पारित किये गये प्रस्ताव
कोल्हान विवि द्वारा जारी बायोमीट्रिक उपस्थिति आदेश का सभी शिक्षक विरोध करेंगे. शिक्षकों ने कहा कि विवि अौर महाविद्यालय पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सेवा शर्तें लागू होती हैं.
झारखंड राज्य के सभी विश्वविद्यालय के शिक्षकों के वेतनमान, अवकाश, प्रोन्नति समेत अन्य मामले झारखंड राज्य विवि अधिनियम व अध्यादेश के प्रावधानों के तहत देय होता है और इस अध्यादेश में शिक्षकों को बायोमीट्रिक के माध्यम से उपस्थिति का उल्लेख नहीं है. ऐसे में कोल्हान विवि द्वारा जारी आदेश को शिक्षक मानने को बाघ्य नही हैं.
बायोमीट्रिक उपस्थिति के विरोध में टाकू का एक प्रतिनिधि मंडल कुलपति से मिलेगा और उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत करायेगा.
दिनांक 1.3.2016 से किसी भी परिस्थिति में बायोमीट्रिक से अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज करेंगे. वर्तमान की तरह विद्यार्थी उपस्थिति पंजिका के माध्यम से ही शिक्षक अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेगें. इस संबंध में यूजीसी के एक पत्र का हवाला दिया गया जिसमें शिक्षक की उपस्थिति विद्यार्थी के कक्षा उपस्थिति के आधार पर होना उल्लेख किया गया है.
यदि कुलपति या कुलाधिपति स्तर से बायोमीट्रिक उपस्थिति आदेश को वापस नहीं लिया गया तो टाकू हर संभव संवैधानिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध होगा, जरूरत पड़ी तो न्यायालय की शरण में
भी जायेगा.

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