आदिवासियों का अस्तित्व संकट में : बाबूलालफ्लैग-सरना धर्म महासभा में आदिवासियों के अधिकार व सरना धर्म की मान्यता पर विचार-विमर्शफोटो हाता में है1 – बाबूलाल मरांडी का स्वागत करते सालखन मुर्मू. 2 – प्रतिनिधि, रायरंगपुरमयूरभंज जिले के साथ देशभर के आदिवासियों का अस्तित्व संकट में है. कई राज्यों में विकास के नाम पर आदिवासियों को विस्थापित किया जा रहा है. आदिवासियों के जीविकोपार्जन का एकमात्र विकल्प उनकी जमीन है. राज्य सरकार उनकी जमीन पर विकास परियोजनाएं तैयार कर उन्हें विस्थापित कर रही है. ओड़िशा सरकार की ओर से शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में सरना धर्म के लिए स्वतंत्र कॉलम नहीं दिये जाने का मतलब आदिवासियों के अस्तित्व को समाप्त करने का षडयंत्र है. भारत के लोगों में स्वेच्छापूर्वक अपने धर्म को अंगीकार करने का संविधान में अधिकार है. उक्त बातें आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से आयोजित सरना धर्म महासम्मेलन समारोह में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कही. धर्म बचाने के लिए एकजुट हों आदिवासीबाबूलाल मरांडी सरना धर्म महासम्मेलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. वे दोपहर 1:40 बजे रायरंगपुर पहुंचे. इसके बाद पंडित रघुनाथ मुर्मू चौक पर पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें जुलूस की शक्ल में सालखन मुर्मू के साथ रायरंगपुर स्टेडियम (सभास्थल) पहुंचाया गया. सर्वप्रथम सरना धर्म की सामूहिक प्रार्थना हुई. इसके बाद झादिपा के संस्थापक सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों को अपना धर्म बचाने के लिए एकजुट होना जरूरी है. समाज को एकसूत्र में बांधने के लिए उन्होंने सरना धर्म की मजबूती, मांझी परगना व्यवस्था, भाषा व लिपि विकास, समाज में पुरुष के सात महिला के समान भागीदारी व युवा छात्रों का नेतृत्व पांच सूत्री मंत्र दिया. बाबूलाल व बसंती सोरेन सम्मानितमहिला सशक्तीकरण के लिए बनकाटी पंचायत की मांझी बासंती सोरेन को सम्मानित किया गया. श्री मुर्मू ने बाबूलाल मरांडी को सेंगेल सिरका का अवार्ड व मुहर देकर सम्मानित किया. झादिपा के झारखंड प्रदेश सभापति सुमित्रा मुर्मू ने कहा कि वर्तमान समय में आदिवासी एकजुट नहीं होंगे, तो उनका विनाश निश्चित है. ओड़िशा में सरना कॉलम के लिए हाइकोर्ट जाने का निर्णयकार्यक्रम के समापन पर सालखन मुर्मू व बाबूलाल मरांडी ने ओड़िशा में स्वतंत्र सरना धर्म कॉलम की मांग पर हाइकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया. कार्यक्रम में अखिल भारतीय सरना धर्म मांडवा, अखिल भारतीय मांझी परगना मांडवा, अखिल भारतीय आदिवासी महिला मोरचा के केंद्रीय कार्यकर्ताओं के साथ झादिपा ओड़िशा प्रदेश सभापति नरेंद्र हेंब्रम, आदिवासी सेंगेल अभियान के ओड़िशा राज्य सभापति रामचंद्र हांसदा, बिरसा मुर्मू, सुनाराम सोरेन, माल हो मुर्मू, निरंजन हेंब्रम, विमो मुर्मू, बैजू मुर्मू, कालूराम मुर्मू, कविराज मुर्मू, जोबारानी किस्कू, सावित्री मुर्मू व लगभग पांच हजार आदिवासी लोग मौजूद थे.
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आदिवासियों का अस्तत्वि संकट में : बाबूलाल
आदिवासियों का अस्तित्व संकट में : बाबूलालफ्लैग-सरना धर्म महासभा में आदिवासियों के अधिकार व सरना धर्म की मान्यता पर विचार-विमर्शफोटो हाता में है1 – बाबूलाल मरांडी का स्वागत करते सालखन मुर्मू. 2 – प्रतिनिधि, रायरंगपुरमयूरभंज जिले के साथ देशभर के आदिवासियों का अस्तित्व संकट में है. कई राज्यों में विकास के नाम पर आदिवासियों को […]
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