संताल समाज का रीति-रिवाज होगा लिखित (फोटो- डीएस 5 व 6) फ्लैग- करनडीह दिशोम जाहेरथान में कोल्हान के पारंपरिक ग्राम प्रधानों की हुई बैठक – जनवरी में पांच प्रदेश के पारंपरिक माझी बाबा व परगना का होगा जुटान- माझी परगना महाल संगठन नहीं सामाजिक व्यवस्था है : बैजू मुर्मूसंवाददाता, जमशेदपुरकरनडीह स्थित दिशोम जाहेरथान प्रांगण में बुधवार को पारंपरिक ग्रामप्रधानों की एक बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता देश परगना बैजू मुर्मू ने की. इसमें कोल्हान के तीनाें जिले के करीब 71 पारंपरिक ग्रामप्रधान ने शिरकत की. बैजू मुर्मू ने कहा कि आदिवासी संताल समाज अब रिवाज व नीति-नियम को मौखिक के साथ लिखित रूप देने की पहल की है. अखिल भारतीय माझी परगना महाल के दिशोम परगना नित्यानंद हेंब्रम इसे लिखित रूप देने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि समय के साथ आदिवासी समाज में बदलाव हो रहा है, लेकिन पूर्वजों की व्यवस्था को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पूर्वजों ने सामाजिक रीति-रिवाज व नीति नियम समाज को एकसूत्र में बांधने के लिए बनाया है. जनवरी तक आयोजित कार्यक्रम में आयेंगी राज्यपाल बैठक में बैजू मुर्मू ने बताया कि 26 से 31 जनवरी के बीच आयोजित माझी परगना महाल के कार्यक्रम राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू शिरकत करेंगी. वह पारंपरिक माझी-परगना के साथ बैठक कर समाज के विभिन्न मुद्दाें पर विचार-विमर्श करेंगी. उम्मीद है कि इसमें कई महत्वपूर्ण चीजें छन कर आयेंगी, जो आदिवासी समाज के हित में होगा. कार्यक्रम में बिहार, बंगाल, ओड़िशा, असम व झारखंड के पारंपरिक ग्रामप्रधान शामिल होंगे. बैठक में बिष्टुपुर गोपाल मैदान को कार्यक्रम स्थल प्रस्तावित किया गया. जिला प्रशासन से बातचीत कर इसकी अाधिकारिक घोषणा की जायेगी. बैठक में लखन मार्डी, नरेश मुर्मू, दिगंबर हांसदा, सीआर माझी, सलखु सोरेन, दुर्गा मुर्मू, मधु सोरेन, सोमनाथ सोरेन, कृष्णा हांसदा समेत कई पारंपरिक माझी बाबा मौजूद थे. सामाजिक व्यवस्था लिखित रुप हो रहा तैयारबैजू मुर्मू ने बताया कि आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष-सालखन मुर्मू अपना राजनीतिक फायदे के लिए अखिल भारतीय माझी परगना मांडवा नामक संगठन बनाकर समाज को चुनौती देने का काम कर हैं. यह बिलकुल गलत है. माझी परगना महाल एक सामाजिक व्यवस्था है. यह कोई संगठन नहीं है. सालखन को मदद करने वाले चिह्नित किये जायेंबैजू मुर्मू ने कहा कि सालखन मुर्मू को संताल समाज से बहिष्कृत किया गया है. इसके बावजूद समाज के कुछ लोग उसे मदद कर रहे है. गांव के माझी बाबा वैसे लोगों को चिह्नित करें. उनसे पूछताछ करें कि उनकी मंशा क्या है. समाज विरोधी कार्य करने वालों को दंडित करें. समाज के अस्तित्व के लिए यह जरूरी कदम है. तालसी ग्रामप्रधान दुर्गाचरण मुर्मू ने बताया कि विगत दिनों ग्रामप्रधान व संताल समाज के बुद्धिजीवियों का एक प्रतिनिधिमंडल रांची जाकर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला था. राज्यपाल ने पारंपरिक ग्रामप्रधानों की ओर से पूर्वी सिंहभूम जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने की इच्छा जतायी थी. परगना दशमत हांसदा समेत अन्य सम्मानित जुगसलाई तोरोफ परगना दशमत हांसदा को झारखंड जोगो पोनोत परगना का दायित्व सौंपा गया है. 26 व 27 दिसंबर को रामगढ़ में आयोजित झारखंड पोनोत माझी परगना महाल सम्मेलन में यह जिम्मेवारी दी गयी. वहीं शास्त्री हेंब्रम- झारखंड पोनोत पाराणिक, मोतीलाल टुडू- झारखंड पोनोत गोडेत, राजेंद्र प्रसाद टुडू- घाट परगना, गुरुचरण मुर्मू-बहरागोड़ा तोरोफ परगना, श्रीकांत हांसदा-बरहा दिशोम तोरोफ परगना, लाल टुडू-दिशोम गोडेत, सुधीर सोरेन-महासचिव धाड दिशोम माझी परगना महाल, बहादुर सोरेन- देश विचार सुतरेत का जिम्मेवारी सौंपा गया था. बुधवार को पारंपरिक माझी बाबा ने इनकाे सम्मानित व स्वागत किया.
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