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क्वार्टर खाली नहीं किया तो पांच लाख तक जुर्माना

क्वार्टर खाली नहीं किया तो पांच लाख तक जुर्मानाटाटा स्टील : कंपनी आवास पर अवैध कब्जा के मामले में कंपनी अधिनियम 2013 लागू (फ्लैग)पहले किस प्रावधान के तहत होती थी कार्रवाई : कंपनी के पूर्व-कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से कंपनी के आवास पर कब्जा बनाये रखने के मामलों में कंपनी उन कर्मचारियों के खिलाफ विशेष […]

क्वार्टर खाली नहीं किया तो पांच लाख तक जुर्मानाटाटा स्टील : कंपनी आवास पर अवैध कब्जा के मामले में कंपनी अधिनियम 2013 लागू (फ्लैग)पहले किस प्रावधान के तहत होती थी कार्रवाई : कंपनी के पूर्व-कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से कंपनी के आवास पर कब्जा बनाये रखने के मामलों में कंपनी उन कर्मचारियों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश के न्यायालय (आर्थिक अपराध) के समक्ष कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत शिकायतवाद दर्ज कराती थी. इसके लिए अधिकतम 10,000 रुपये तक के अर्थदंड एवं न्यायालय द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर आवास खाली न करने पर 2 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान था.क्या है नया प्रावधान : नये कंपनी एक्ट-2013 के तहत अर्थदंड की राशि बढ़ाकर न्यूनतम 1,00,000 रुपये और अधिकतम 5,00,000 रुपये एवं निर्धारित अवधि के भीतर आवास खाली न करने पर 2 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान किया गया है. नये अधिनियम के अनुसार शिकायतवाद मुख्य जिला न्यायाधीश एवं सत्र न्यायालय के समक्ष दायर किया जाना है एवं दोष सिद्ध हो जाने पर कर्मचारियों को अब अपील उच न्यायालय के समक्ष दायर करनी होगी. वरीय संवाददाता, जमशेदपुर टाटा स्टील के क्वार्टरों पर अवैध तरीके से कब्जा जमाने वालों के खिलाफ नयी रणनीति तय की गयी है. टाटा स्टील ने यह स्पष्ट किया है कि कंपनी के आवास पर गलत तरीके से कब्जा बनाये रखने के मामलों में नया कंपनी अधिनियम 2013 लागू हो गया है. तथा क्वार्टरों खाली नहीं करने वालों पर एक से पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जायेगा. क्वार्टर खाली करने का एक मौका देती आयी है कंपनीटाटा स्टील पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतवाद अंतिम विकल्प के रूप में ही दायर करती है. इसके अलावा कानूनी कार्रवाई शुरू करने से पूर्व इस्टेट एवं लीगल डिपार्टमेंट के अधिकारीगण कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनसे क्वार्टर खाली कर देने का आग्रह करते हैं. जब लोग खाली नहीं करते है तब जाकर कोर्ट में केस दायर किया जाता है.

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