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घाघीडीह जेल. जेल में लगेगी कैदी पंचायत

जमशेदपुर: जेल के भीतर बंदियों को मानवाधिकार आयोग की सिफारिश के तहत सुविधा मिल रही है या नहीं, इसकी जांच करने मंगलवार को जेल आइजी सुमन गुप्ता घाघीडीह सेंट्रल जेल पहुंचीं. उन्होंने बंदियों से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को सुना और दूर करने का अाश्वासन दिया. सुबह (8 : 35 बजे) जेल पहुंचते […]

जमशेदपुर: जेल के भीतर बंदियों को मानवाधिकार आयोग की सिफारिश के तहत सुविधा मिल रही है या नहीं, इसकी जांच करने मंगलवार को जेल आइजी सुमन गुप्ता घाघीडीह सेंट्रल जेल पहुंचीं. उन्होंने बंदियों से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को सुना और दूर करने का अाश्वासन दिया. सुबह (8 : 35 बजे) जेल पहुंचते ही डीआइजी पहले पीएमएस, वीएमएस कक्ष गयीं. यहां बंदियों के मुलाकातियों का विवरण दर्ज किया जाता है.

वहां कार्यरत जवानों से कार्य करने की जानकारी लेने के उपरांत समानों की जांच करने का निर्देश दिया. वहां से वह सीधे बैरक (जैप 10) पहुंचीं और जवानों से साफ-सफाई के संबंध में जानकारी लेने के बाद जवानों के लिए मेडिकल कैंप लगाने का निर्देश जेलर को दिया. महिला जवान की टोपी उल्टा होने पर उन्होंने खुद टोपी को ठीक किया. इसके उपरांत सलामी लेकर प्रशासनिक भवन पहुंचीं. यहां ऑफिस का निरीक्षण करने के उपरांत रिकार्ड, रजिस्ट्रर एवं कार्यालय में काम-काज करने वालों से पूछताछ की. तीन घंटा वे जेल में रूकीं.

महिला बंदियों से मिली आइजी
जेल के भीतर सबसे पहले आइजी महिला बंदियों के सरस्वती वार्ड में गयीं. यहां 66 महिला और 5 बच्चे मिले. उन्होंने महिलाओं से जेल में मिल रही सुविधाओं के बारे में जाना. महिलाओं ने पैरोल से संबंधित समस्याएं रखीं. आइजी ने बारी- बारी से महिलाओं के केसों की भी जानकारी ली.
सेंट्रल वाच पर चढ़ी आइजी
आइजी जेल के अंदर बने वाच टावर पर तेजी के साथ चढ़ गयीं. सभी वार्डों एवं जेल की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी जेल अधिकारियों से ली. कुछ देर वाच टावर पर रुकने के बाद नीचे उतरीं.
बंदियों ने रखी कारा मुक्ति, पैरोल की मांगें : जेल के विभिन्न वार्डों के निरीक्षण के दौरान बंदियों ने जेल आइजी के समक्ष कारा मुक्ति, पैरोल को लेकर अपनी मांगें रखीं. इसके बाद आइजी मेडिकल वार्ड गयीं. वहां इलाजरत बंदियों से दवा एवं सुविधाओं के बारे में पूछताछ की. निरीक्षण के उपरांत जेल प्रभात खबर संवाददाता से बातचीत में जेल आइजी ने कहा कि सबकुछ ठीक-ठाक है. जो कमी थी, इसके लिए आवश्यक दिशा- निर्देश दिये गये हैं. इस दौरान जेल आइजी ने नाइजेरियन बंदी से पूछा- किसी प्रकार की दिक्कत तो नहीं है.
घाघीडीह जेल की बाहरी सुरक्षा में कमी : जेल आइजी ने कहा कि जेल की बाहरी सुरक्षा में कमियां हैं. इसकी जिम्मेवारी जिला पुलिस की है. सुरक्षा के मानक तय हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डीसी, एसएसपी से बात की जायेगी. उन्होंने कहा कि डीसी, एसएसपी को लगातार छापामारी करने को कहा गया है.
थ्री जी जैमर के लिए सर्वे जारी
जेल आइजी ने कहा कि राज्य के ज्यादातर जेलों में टू जी जैमर लगा है. जो पूरी तरह से सक्षम नहीं है. थ्री जी जैमर के लिए सर्वे जारी है. राज्य के अलावा देश के अन्य जेलों में भी देखा है कि त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद सिम मिलता है. इसके लिए दोषी को चिह्नित करने की जरूरत है. वर्तमान और आने वाले समय में अनुशासन रहे. इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाये. यह सुनिश्चित करना प्राथमिकता है. उन्होंने माना कि लापरवाही से ही घटना घटती है.
ई-मुलाकात सेवा में जमशेदपुर पीछे
ई मुलाकात सेवा में जमशेदपुर पीछे है. धनबाद जेल सबसे आगे है. ई- मुलाकात सेवा के शुरू होने से पैसा लेन- देन की परंपरा बंद होगी. बंदियों के परिजनों को सुविधा होगी. अंडर ट्रायल मामले में सप्ताह में एक से ज्यादा दिन मुलाकात गलत है. ई मुलाकात से सारा विवरण रिकार्ड में रहेगा.
बायोमैट्रिक डाटा तैयार
राज्य के जेलों में आने बंद बंदियों का बायोमैट्रिक डाटा तैयार किया गया है. बंदी कहां से आ रहे हैं. उनके खिलाफ कौन- कौन मामले चल रहे हैं. यह तैयार कर लिया गया है. जेल में बंदियों के सकारात्मक एवं जेल से छूटने के बाद उनके जीवन यापन हेतु विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देने और योग शिविर लगाने की बात जेल आइजी ने कही. उन्होंने झारखंड पीड़ित कोषांग के तहत पीड़ितों को चिह्नित कर एक तिहाई राशि देेने की बात कहीं.
जेल में मैन पावर की कमी दूर होगी
जेल परिसर में प्रभात खबर से बातचीत में जेल आइजी सुमन गुप्ता ने कहा कि बंदियों की समस्याओं को दूर करने के लिए जेल में कैदी पंचायत लगेगी. इसमें बंदी के लीगल मामले, पैरोल, मेडिकल सहित मौलिक सुविधाओं से जुड़ी समस्याएं रखेंगे. उन्होंने जेल अधीक्षक ओलिभ ग्रेस कुल्लू और जेलर नसीम खान को जेल के अंदर कैदी पंचायत लगाने का आदेश दिया. जेल आइजी बनने के बाद पहली बार घाघीडीह सेंट्रल जेल पहुंची सुमन गुप्ता ने कहा कि यहां आने का उद्देश्य जेल की सुरक्षा की जांच करना है. जेल में मैन पावर की कमी दूर करना पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि डेलीवेज पर कार्य करने वालों को नियमित करने की प्रक्रिया पर विचार चल रहा है. सभी जेलों से सूची मांगी गयी है. प्रोवेशन अफसर की राज्य में कमी है. बहाली की प्रक्रिया चल रही है.
आपत्तिजनक समान मिला तो जेलकर्मी दोषी
जेल के अंदर अगर आपत्तिजनक समान मिलता है, तो इसके लिए जेल कर्मी दोषी हैं. लंबे समय से एक ही जगह पर जेल स्टाफ जमे हुए हैं. इस कारण इसका अनुपालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. जेल के भीतर आपत्तिजनक समान नहीं जाये, यह सुनिश्चित करना जेल प्रशासन की जिम्मेवारी है.

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