जमशेदपुर: टाटा स्टील संकट में घिरता हुआ नजर आ रहा है. वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए कंपनी के पास बाजार बेहतर नहीं बन पा रहा है. हालात यह है कि करोड़ों के माल की सप्लाइ नहीं हो पा रही है. कई विभागों से लेकर डंपिंग यार्ड या सेल सेंटरों में माल पड़े हुए हैं. उसकी बिक्री नहीं हो पा रही है. अलबत्ता, क्वालिटी में देश का नंबर वन होने के बावजूद बाजार में आयी शिथिलता और चीन से सस्ता माल आयात होने के कारण संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है.
भारत में माल डंप कर रहा चीन
एक आंकड़े के मुताबिक, भारत में प्रतिवर्ष 80 मिलियन टन स्टील का उत्पादन होता है. वहीं चीन के पास सरप्लस माल बचा हुआ है, जो भारत में लगातार डंप कर रहा है. खरीद मूल्य को छोड़ नुकसान उठा कर भी चीन की कंपनियां भारत में माल भेज रही है. चीन के पास घरेलू जरूरतों को पूरा करने और शिड्यूल एक्सपोर्ट के बाद करीब 120 मिलियन टन का माल डंप है, जिसे भारत में आहिस्ता-आहिस्ता भेजा जा रहा है. इस वजह से संकट गहराता जा रहा है.
वैसे भी भारत में टाटा स्टील पूर्वोत्तर क्षेत्र में ही उत्पादन करती है. ऐसे में ज्यादातर स्टील की खपत पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से में होती है. ऐसे में माल की आवाजाही पर सबसे ज्यादा खर्च कंपनी को उठानी पड़ती है. पोर्ट की कमी के कारण भी कंपनी का संकट गहराता हुआ नजर आ रहा है.
हालांकि इस बारे में कंपनी की ओर से किसी तरह का अाधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन हालात काफी खराब है. जिसकी चर्चा गाहे-बगाहे संकेतात्मक तौर पर टाटा स्टील के वरिष्ठतम अधिकारी करते रहे हैं.
सीआरएम में तीन दिनों से उत्पादन बंद
हालात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि टाटा स्टील की सर्वाधिक बिकने वाले माल को तैयार करने वाले विभाग कोल्ड रोलिंग मिल (सीआरएम) में तीन दिनों से उत्पादन बंद है. सूचना के मुताबिक, यार्ड में एक एमटी तक का माल डंप है और 30, 31 दिसंबर के अलावा 1 जनवरी को भी सीआरएम में प्रोडक्शन नहीं होगा. कर्मचारी आ रहे हैं और फिर बिना काम किये हुए ही वापस जा रहे हैं. एलडी 2 व एलडी 1 में तैयार होने वाले हॉट मेटल का भी कम ही डिमांड है, जिस कारण पूरा माल डंप हो चुका है. हालात से निबटने के लिए अलग से उपाय किये जा रहे हैं.