टेक्नोलॉजी ने सभी को किया प्रभावित फ्लैग::: डीबीएमएस इंगलिश स्कूल के गोल्डन जुबिली समारोह में बोले नरेंद्रन फोटो हैरी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर पके बाल. चेहरे पर झुर्रियां. लेकिन, स्कूल कैंपस में वे आज भी स्टूडेंट की तरह पेश आ रहे थे. इस दौरान कई पल बेहद भावुक करने वाले थे. आंखें छलक आयीं. उम्र के एक पड़ाव पर वे टीचर भी दिखीं, जो अक्सर होमवर्क नहीं करने के बाद स्टूडेंट्स को क्लास रूम के बाहर खड़ा कर दिया करती थीं. एक पल ऐसा लगा जैसे समयचक्र पीछे घूम गया हो. यह सब कुछ हो रहा था डीबीएमएस इंगलिश स्कूल के गोल्डन जुबिली समारोह में. समारोह के दूसरे सत्र में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन भी शामिल हुए. उन्होंने पूर्व छात्रों को सम्मानित किया और कहा कि किसी भी इंसान के जीवन में स्कूल की भूमिका सबसे अहम होती है. यहीं वह यह तय कर पाता है कि उसे किस क्षेत्र में जाना है. किसी भी स्कूल को ब्रांड उसके एल्यूमिनी ही बनाते हैं. हर छात्र स्कूल का ब्रांड एम्बेसडर होता है. स्कूल के लिए अब अगला 50 साल काफी चुनौतीपूर्ण है. टेक्नोलॉजी ने प्रत्यक्ष अौर परोक्ष रूप से हर चीज पर असर डाला है. पढ़ने की उम्र नहीं होती है. इंसान में हमेशा सीखने की ललक होनी चाहिए. शिक्षा की चुनौती जिस तरह से बढ़ी है, वह काफी अहम है. इसके लिए शिक्षक-शिक्षिकाअों को तैयार रहने की जरूरत है. इससे पूर्व प्रथम सत्र में स्कूल के पूर्व छात्र अौर पूर्व शिक्षक आमने-सामने थे. शाम के सत्र में पूर्व छात्र, शिक्षक-शिक्षिकाअों के साथ ही वर्तमान शिक्षक-शिक्षिकाएं अौर छात्र सभी एक मंच पर थे अौर करीब 3 दशक के बीच की दूरियों को पाटा. देर रात तक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके अंत में नृत्य भी हुआ. ————इन्हें मिला डिस्टिंग्विस्ड एल्यूमिनी अवॉर्डकुमार सुब्रह्मणयम, प्रभाकर सिंह, डॉ राजेश सिंह, रंजना मिश्रा, ऋषि वेंकट, डॉ संजय राव, डॉ शशांक काले, शरद शेखर, शुभेनजीत चौधरी, सुधीर बाला सुब्रह्मणयम, डॉ स्वरूपा मित्रा, तनय कुमार, तनुश्री चौधरी, तथागत भट्टाचार्य, विनीत भट्ट, वेंकट रमण रामाकृष्णन, तनुश्री दत्ता, इम्तियाज अली, देबोलिना घोष, वर्गिस डी श्रुति व प्रसून गोराई. ——–50 साल का सफर, कोई अकेले तय नहीं कर सकता : नीलकंठन डीबीएमएस मैनेजिंग कमेटी की चेयरमैन भानुमती नीलकंठन ने कहा कि 5 दशक तक किसी भी संस्थान को सफलतापूर्वक संचालित करना आसान काम नहीं है. इस दौरान संस्थान लगातार इतिहास बनाता रहा. इसमें न सिर्फ किसी खास का, बल्कि एक-एक व्यक्ति का अहम योगदान है. अच्छे टीचर से लेकर अच्छे स्टाफ ने कमिटेड होकर संस्थान के लिए काम किया. यही कारण है कि हम 50 साल का सफर पूरा कर सके. ————पहले बैच में थे 7 छात्र, 2 पहुंचे गोल्डन जुबिली समारोह के दौरान बताया गया कि स्कूल की स्थापना 1965 में हुई थी. उस वक्त पहले बैच में सिर्फ 7 स्टूडेंट थे. उस बैच के 7 स्टूडेंट में से 2 स्टूडेंट भी गोल्डन जुबिली समारोह में पहुंचे. इनमें एम्स के न्यूरो सर्जन शशांक काले अौर लंदन के डॉ ज्ञानपति राम शामिल हैं. ——-इम्तियाज व माधवन ने ‘मिस यू यार’ का वीडियो भेजाकार्यक्रम के पहले चरण में पूर्ववर्ती छात्र-छात्राअों ने अपनी बातें शेयर कीं. किसी कारण से फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली अौर अभिनेता आर माधवन शामिल नहीं हो पाये. दोनों ने समारोह के दौरान अपने वीडियो क्लिप्स भेजे अौर कहा कि आइ मिस यू यार. ———-50 साल का साथ समारोह के दौरान स्कूल प्रबंधन की अोर से तीन ऐसे लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी स्कूल में गुजार दी. इसमें कैंटीन के इंचार्ज चंद्रन नायर, मधु खारा अौर आया मारशिला शामिल हैं. ——-डॉक्यूमेंट्री में दिखा 50 साल का सफर स्कूल के पूर्व छात्र सह फिल्म डायरेक्टर तथागत भट्टाचार्य ने कार्यक्रम के दौरान एक डॉक्यूमेंट्री दिखायी, जिसमें स्कूल के अब तक के सफर का चित्रण था. इसमें ऐसे छात्र अौर एेसे लोग, जिन्होंने स्कूल को एक ब्रांड बनाया, उनसे जुड़ी बातों को दिखाया था.
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टेक्नोलॉजी ने सभी को किया प्रभावित
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