जमशेदपुर: फ्लैट-अपार्टमेंटों के निबंधन के मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव आरएस शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में फ्लैट रजिस्ट्री में हो रही दिक्कत को देखते हुए अपार्टमेंट एक्ट के बायलॉज में बदलाव करने का निर्णय लिया गया. रजिस्ट्री विभाग द्वारा इसका प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल को भेजा जायेगा, जिसके बाद कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जायेगा. बैठक में यह बात भी उभर कर आयी कि ऑक्यूपेंसी के बिना रजिस्ट्री नहीं हो सकती. इसके लिए बिल्डर/ आर्टिटेक द्वारा कंप्लीशन सर्टिफिकेट देगा, जिसके बाद निकाय द्वारा जांच कर ऑक्यूपेंसी दिया जायेगा.
यह संभव नहीं हो पा रहा है जिसके कारण रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है. इसे दबाव बना कर लागू करने के लिए निकाय के पास अधिकार नहीं हैं. जिसके कारण अपार्टमेंट एक्ट के बायलॉज में बदलाव का निर्णय लिया गया, ताकि शत प्रतिशत रजिस्ट्री हो सके .साथ ही बैठक में तय किया गया कि अपार्टमेंट एवं फ्लैट का पंजीकरण छह माह के अंदर कराना अब अनिवार्य होगा. राज्य सरकार फ्लैट एवं अपार्टमेंट का शत -प्रतिशत रजिस्ट्री करने के लिए अभियान चलाने जा रही है. कब्जा देने के छह माह के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कराने की स्थिति में दंड का प्रावधान तय किये जायेंगे.
बैठक में मुख्य सचिव के अलावा नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, निबंधन विभाग के सचिव सत्येंद्र सिंह, सभी जिलों के अवर निबंधक, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग, देवघर समेत वैसे शहर जहां अपार्टमेंट का निर्माण हो रहा है वहां के निकायों के विशेष पदाधिकारी उपस्थित थे.
क्या है पूरा मामला
झारखंड अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम 2011 की धारा 20 के अनुरूप प्रत्येक अपार्टमेंट (फ्लैट ) दस्तावेज एवं अपार्टमेंट के हस्तानांतरण से संबंधित प्रत्येक पृष्ठांकन, रजिस्ट्रेशन एक्ट 1980 ( अधिनियम 16) अधिनियम के अधीन अनिवार्य रूप से निबंधन योग्य मानी गयी है. इसके अनुरूप इसका पंजीकरण, रजिस्ट्रेशन सब रजिस्ट्रार के यहां कराना अनिवार्य है. उक्त पंजीकरण कब्जा देने के छह माह के अंदर कराना अनिवार्य है. नहीं कराने की स्थिति में उसके लिए दंड का प्रावधान है.