कमजोरियों को पहचानें, समय रहते दूर करें नाम : बिधि शर्मास्कूल : काशीडीह हाइस्कूलसंकाय : बायो साइंस (12वीं) अंक : 83.4 प्रतिशत रैंक : स्कूल में फर्स्टबोर्ड : सीबीएसइ माता-पिता : बबीता शर्मा व बालमुकुंद शर्मा लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर अच्छा स्कोर करने के लिए जरूरी है कि दिसंबर के बाद पढ़ाई के प्रति पूरी तरह कंसंट्रेट हो जायें. सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. बोर्ड की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को क्लास में रेगुलर रहना चाहिए. शिक्षकों की बतायी बातों पर ध्यान देते हुए उन्हें अमल में लाना चाहिए. जो छात्र अब तक पढ़ाई के प्रति सीरियस नहीं हैं, उन्हें अब हो जाना चाहिए. बोर्ड एग्जाम में समय काफी कम रह गया है. मैं भी दिसंबर के बाद पढ़ाई के प्रति काफी सीरियस हो गयी थी. मैंने सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस किया था. मेरी नजर में अच्छा स्कोर करने के लिए यह तरीका सबसे बढ़िया है. सभी सब्जेक्ट्स पर दें ध्यान सभी सब्जेक्ट पर छात्रों को बराबर ध्यान देना चाहिए. जो सब्जेक्ट कठिन लगते हैं, उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए. रेगुलर क्लास व प्रिप्रेशन लीव के दौरान भी मेरी स्ट्रेटजी यही रहती थी कि मैं हर चैप्टर को टच करूं. इस दौरान यदि मुझे कुछ समझ नहीं आता था, तो मैं उसे मार्क कर लेती थी. स्कूल में अपने टीचर से उसके बारे में जानकारी हासिल करती थी. जब आप चैप्टर्स की डिपली स्टडी करते हैं, तो समझ और परेशानी के बारे में आपको अंदाजा पहले ही हो जाता है. पढ़ाई के दौरान ही अपनी कमजोरियों को पहचानें और समय रहते उसे दूर कर लें. सैंपल पेपर व क्वेश्चन बैंक प्रैक्टिस के लिए बेहतर जिन सब्जेक्ट्स को पढ़ने में अच्छा लगता है, पूरा ध्यान केवल उन्हीं पर न दें. उन सब्जेक्ट पर भी ध्यान दें, जो कम इंट्रेस्टिंग हैं, लेकिन नंबर अच्छा स्कोर करवा सकते हैं. बाजार में सैंपल पेपर व क्वेश्चन बैंक उपलब्ध हैं. इनसे प्रैक्टिस करनी चाहिए. टाइम बाउंड प्रैक्टिस से यह पता चलेगा कि आपकी तैयारी कितनी हुई है और कितनी बाकी है. साथ ही यह भी पता चलेगा कि एग्जाम में समय सीमा के भीतर परफॉर्म करने के लिए आप कितना तैयार हैं. हां, क्वेश्चन बैंक और सैंपल पेपर पर पूरी तरह निर्भर न हों. उन्हें सिर्फ प्रैक्टिस का हिस्सा भर मानें. स्कूल की पढ़ाई से चलें आगे मैं यह कहाना चाहूंगी कि स्कूल में सिलेबस के अनुसार पढ़ाई होती है. आप स्कूल की पढ़ाई से आगे चलें. यानी, स्कूल में पढ़ाये जाने वाले टॉपिक को आप एक दिन पहले ही पढ़ लें. जो बातें समझ में न आयें, उन्हें नोट कर लें. अगले दिन जब स्कूल में उस टॉपिक की पढ़ाई हो, तो उन बिंदुओं पर ज्यादा ध्यान दें. फिर भी न समझ में आये, तो तत्काल टीचर से पूछें. पेरेंट्स व टीचर्स ने किया सपोर्ट मेरी उपलब्धि में मेरे पेरेंट्स के साथ-साथ टीचर्स का भी काफी योगदान है. पेरेंट्स ने मेरी स्टडी को लेकर हमेशा सपोर्ट किया. स्कूल के टीचर्स ने जब भी परेशानी हुई, उसका तत्काल निदान किया. मैंने 12वीं बोर्ड की परीक्षा के दौरान स्कूल में टीचर्स की बतायी बातों पर ध्यान तो दिया ही, साथ ही कुछ सब्जेक्ट का ट्यूशन भी लिया. प्रोफेसर बनने की है चाहत मैं वीमेंस कॉलेज से बीएससी की पढ़ायी कर रही हूं. मैं आगे चलकर प्रोफेसर बनना चाहती हूं. —————–बात पते की -आखिरी के तीन महीनों में जमकर करें पढ़ायी-जो टॉपिक समझ में न आयें, उन्हें समझने में टीचर की हेल्प लें -स्कूल व ट्यूशन के साथ सेल्फ स्टडी भी है बेहद जरूरी
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कमजोरियों को पहचानें, समय रहते दूर करें
कमजोरियों को पहचानें, समय रहते दूर करें नाम : बिधि शर्मास्कूल : काशीडीह हाइस्कूलसंकाय : बायो साइंस (12वीं) अंक : 83.4 प्रतिशत रैंक : स्कूल में फर्स्टबोर्ड : सीबीएसइ माता-पिता : बबीता शर्मा व बालमुकुंद शर्मा लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर अच्छा स्कोर करने के लिए जरूरी है कि दिसंबर के बाद पढ़ाई के प्रति पूरी […]
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