उत्पन्ना एकादशी व्रत 7 को(फोटो उत्पन्ना एकादशी के नाम से सेव है)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरमार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के शरीर से एक तेजस्वी कन्या के रूप में महादेवी एकादशी का प्रादुर्भाव हुआ था. इसी कारण से मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस वर्ष यह अवसर हमें सोमवार, 7 दिसंबर को मिलेगा. वैसे तो मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी तिथि की शुरुआत रविवार सुबह 7:40 बजे से हो रही है, जो सोमवार सुबह 9:49 बजे तक रहेगी. चूंकि, उदया तिथि में एकादशी सोमवार को ही प्राप्त हो रही है, अत: उसी दिन व्रत मनाया जायेगा. व्रत वाले दिन व्रती प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें. अन्य एकादशियों की तरह ही इस एकादशी में भी 16 कलाओं से पूर्ण अवतार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. रात में भगवान श्रीकृष्ण का विधि पूर्वक पूजन करें. प्रयास यह करें कि इसमें भगवान को अन्य ऋतु फलों के अलावा भोग में बादाम व गुड़ अवश्य अर्पित करें. हालांकि, इसमें यह ध्यान रखना चाहिए कि कट्टू व मावे (खोआ) की मिठाई का प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए. व्रत में बादाम व गुड़ भगवान को अर्पित करने से तोते की योनि से मुक्ति मिलती है. इस एकादशी में भी रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. व्रत का पारण अगले दिन मंगलवार को सूर्योदय के पश्चात कभी भी किया जा सकता है.—————-सोमवार को पूजन का समय शाम 4:49 के बादमंगलवार को पारण का समय प्रात: 6:15 बजे के बाद
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उत्पन्ना एकादशी व्रत 7 को
उत्पन्ना एकादशी व्रत 7 को(फोटो उत्पन्ना एकादशी के नाम से सेव है)लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरमार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के शरीर से एक तेजस्वी कन्या के रूप में महादेवी एकादशी का प्रादुर्भाव हुआ था. इसी कारण से मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. इस वर्ष यह अवसर हमें सोमवार, 7 […]
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