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कॉमर्स में है बहुत स्कोप

कॉमर्स में है बहुत स्कोप कॉमर्स में बड़ा स्कोप है. बाजार कॉमर्स पर ही डिपेंड है. इसकी महत्ता इस तरह समझी जा सकती है कि छात्र इंजीनियरिंग करने के बाद एमबीए करते हैं, जो कि कॉमर्स का ही हिस्सा है. इसमें आइकॉम के बाद रास्ते खुल जाते हैं. बारहवीं के बाद छात्र सीए, सीएस, चार्टर्ड […]

कॉमर्स में है बहुत स्कोप कॉमर्स में बड़ा स्कोप है. बाजार कॉमर्स पर ही डिपेंड है. इसकी महत्ता इस तरह समझी जा सकती है कि छात्र इंजीनियरिंग करने के बाद एमबीए करते हैं, जो कि कॉमर्स का ही हिस्सा है. इसमें आइकॉम के बाद रास्ते खुल जाते हैं. बारहवीं के बाद छात्र सीए, सीएस, चार्टर्ड एनालिस्ट की फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं. चार्टर्ड एनालिस्ट पांच साल का कोर्स होता है. इसमें दाखिला लेने के लिए न्यूनतम योग्यता आइकॉम में 50 प्रतिशत अंक है. यह पांच साल का कोर्स है और पेपर क्लीयरेंस कोर्स है. जिस भी विभाग में फायनांस संबंधी काम होता है, वहां चार्टर्ड एनालिस्ट नियुक्ति हो सकती है. देखें तो इसमें बीबीए, एमबीए जैसे 74 तरह के स्पेशलाइजेशन कोर्स होते हैं. जिसके एक्सपर्ट की कंपनी में मांग रहती है. -डॉ डीपी शुक्ला, प्राचार्य, वर्कर्स कॉलेज

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