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भुवनेश्वर में जुटे देश के सीआइसीएसइ स्कूलों के 1200 प्रिंसिपल 12

भुवनेश्वर में जुटे देश के सीआइसीएसइ स्कूलों के 1200 प्रिंसिपल 1258वें नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन, बदलते दौर में शिक्षा पर हुई चर्चाफोटो संदीप नाम से है संवाददाता, जमशेदपुरआने वाले समय में सीआइएससीइ बोर्ड की शिक्षा प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव किया जायेगा. पठन-पाठन की पद्धति में भी सुधार होगा. इसका प्रारूप तैयार कर लिया […]

भुवनेश्वर में जुटे देश के सीआइसीएसइ स्कूलों के 1200 प्रिंसिपल 1258वें नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन, बदलते दौर में शिक्षा पर हुई चर्चाफोटो संदीप नाम से है संवाददाता, जमशेदपुरआने वाले समय में सीआइएससीइ बोर्ड की शिक्षा प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव किया जायेगा. पठन-पाठन की पद्धति में भी सुधार होगा. इसका प्रारूप तैयार कर लिया गया है. पठन-पाठन में क्लास रूम टीचिंग की बजाये उसके प्रैक्टिकल नॉलेज अौर उसके फॉर्मेशन के बारे में बच्चे जाने इस पर बल दिया जायेगा. पढ़ाई में ज्यादा से ज्यादा तकनीक को शामिल किया जायेगा. यह बात भुवनेश्वर के किट्स सेंटर में आयोजित काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ( सीआइएससीइ ) बोर्ड के 58वें नेशनल कांफ्रेंस के दौरान मुख्य रूप से उभर कर सामने आयी. बोर्ड के सेक्रेट्री केवी विन्सेंट ने कहा कि बोर्ड की अोर से सारा कुछ तैयार कर लिया गया है. शुक्रवार को कॉन्फ्रेंस के समापन के दौरान बोर्ड में किस तरह के बदलाव होने वाले हैं, इसे आधिकारिक रूप से घोषित की जायेगी. इस मौके पर बोर्ड के चेयरमैन गेरी अराथुन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. बोर्ड के नेशनल कांफ्रेंस में देश के करीब 1200 सीआइसीएसइ स्कूलों के प्रिंसिपलों का जुटान हुआ है, इसमें शहर के लगभग 35 स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल हुए. इसमें लोयोला स्कूल के प्रिंसिपल फादर सेबेस्टियन, डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल की प्रिंसिपल रजनी शेखर, गुलमोहर हाइ स्कूल की प्रिंसिपल सुनिता सिन्हा, केएसएमएस की प्रिंसिपल नंदिनी शुक्ला, हिलटॉप स्कूल की प्रिंसिपल पुनिता बी चौहान, एमएनपीएस की प्रिंसिपल आशु तिवारी, एडीएल सनशाइन इंग्लिश स्कूल की प्रिंसिपल इंद्राणी सिंह समेत कई अन्य प्रतिष्ठित स्कूलों के प्रिंसिपल उक्त कांफ्रेंस में शामिल हुए.टेक्नोलॉजी नहीं ले सकता टीचर का स्थान : राज्यपालनेशनल कांफ्रेंस के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में अोड़िशा के राज्यपाल एससी जमीर उपस्थित थे. उन्होंने आज के दौर में पठन-पाठन में टेक्नोलॉजी के महत्वों से सभी को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि अब क्लास रूम लर्निंग कॉन्सेप्ट का प्रभाव कम हुआ है. उन्होंने कहा कि तकनीक की वजह से बच्चों के पास सूचनाएं ज्यादा से ज्यादा पहुंच रही है, इस वजह से टीचर को भी हमेशा खुद को अपग्रेड करते रहने की आवश्यकता है. हालांकि इसके बाद भी टीचर का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है. टेक्नोलॉजी ने पढ़ाई पर असर डाला है, लेकिन वह कभी भी बच्चे में मोरल वैल्यू नहीं पैदा कर सकता है अौर यही वजह मूल अंतर है, जो टेक्नोलॉजी अौर टीचर में है. बच्चों में मोरल वैल्यू पर उन्होंने खास तौर पर बल दिया. एजुकेशन इन अ चेंजिंग वर्ल्ड है कांफ्रेंस की थीमकार्यक्रम का थीम एजुकेशन इन अ चेंजिंग वर्ल्ड रखा गया था. इसी कड़ी में गुरुवार को साइबर क्राइम अौर साइबर सेफ्टी को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसमें रिसोर्सपर्सन के रूप में विदुषी दागा ने सभी को बताया कि किस तरह से साइबर क्राइम बढ़ा है अौर इससे किस तरह से निबटा जाये. उन्होंने इसके साइड इफेक्ट के साथ ही हर एंगल पर इसके प्रभाव के बारे में बताया.

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