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एमु पालन यानी लाभ ही लाभ :::::असंपादित

एमु पालन यानी लाभ ही लाभ :::::असंपादितएंटरप्रेन्योरशिप को बढ़िया कैरियर ऑप्शन के तौर पर देखा जा रहा है. यूथ अच्छी-अच्छी नौकरी छोड़कर और बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेने के बाद एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में आ रहे हैं और काफी सफल भी हो रहे हैं. देखें तो एमु पालन अच्छा एंटरप्रेन्याेर हो सकता है. यह प्रदेश के लिए […]

एमु पालन यानी लाभ ही लाभ :::::असंपादितएंटरप्रेन्योरशिप को बढ़िया कैरियर ऑप्शन के तौर पर देखा जा रहा है. यूथ अच्छी-अच्छी नौकरी छोड़कर और बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेने के बाद एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में आ रहे हैं और काफी सफल भी हो रहे हैं. देखें तो एमु पालन अच्छा एंटरप्रेन्याेर हो सकता है. यह प्रदेश के लिए नया सेक्टर जरूर है लेकिन काफी फायदे का है. लाइफ @ जमशेदपुर की रिपोर्ट… शहर से कोई छह किलोमीटर की दूरी पर एनएच 33 किनारे स्थित गांव बागुनहातु में रिटायर्ड प्रोफेसर जेरोम सोरेंग अपने फार्म में एमु पालन भी करते हैं. वह बताते हैं कि इसके बारे में सुन रखा था कि यह काफी लाभ वाला बिजनस है. इसलिए इसे पालने का निर्णय लिया. सबसे बड़ी बात कि आपको इसके लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं. एजेंसी वाले आप तक एमु चिड़िया छोड़ जाते हैं और वयस्क होने पर खुद ही ले जाते हैं. प्राइवेट एजेंसी पहुंचा जाते हैं चिड़िया प्रो जेरोम सोरेंग को एमु के बारे में प्राइवेट एजेंसी समृद्धि मनी मास्टर्स इंटरप्राइजेज लिमिटेड के जरिये पता चला. झारखंड में यह पिछले तीन वर्षों से काम कर रहा है. चिड़िया के हिसाब से चाहिए जमीन एमु पालन के लिए जमीन महत्वपूर्ण होती है. जानकारी के मुताबिक दस एमु के लिए कम-से-कम 500 वर्ग फीट जमीन चाहिए. इसी हिसाब से एमु की संख्या बढ़ने पर जमीन का आकार भी बढ़ता जाता है. साथ ही यह शर्त भी है कि जमीन मिट्टी वाली होनी चाहिए, कंक्रीट या सिमेंट वाली नहीं. प्रो सोरेंग बताते हैं कि एमु को बढ़ने के लिए ज्यादा जमीन चाहिए. क्योंकि वह जितना दौड़ेगा उतनी तेजी से ग्रोथ करेगा. एजेंसी वाले चिड़िया देने से पहले जमीन का परीक्षण करते हैं. किस दर पर मिलती है चिड़िया एमु छोटी 10 चिड़िया 75 हजार रुपये के हिसाब से फार्म में दिये जाते हैं. यानी एक छोटी चिड़िया की कीमत सात हजार 500 रुपये बैठता है. इस रुपये के साथ इंश्योरेंस, मेडिकल भी मिलता है. साथ ही बाड़े के लिए मुफ्त में तार-जाली और चारे के बर्तन भी दिये जाते हैं. पक्षी को दाने का खर्च आपको देने होते हैं. समृद्धि मनी मास्टर्स इंटरप्राइजेज लिमिटेड झारखंड के सेल्स हेड अरविंद प्रसाद के मुताबिक आपको पक्षी को बारह से तेरह महीने तक दाने खिलाने होते हैं. दस पक्षी पर दाने का खर्च 15 हजार तक आता है. इस तरह दस पक्षी पर आपका कुल खर्च 90 हजार आता है. किस हिसाब से होती है बिक्री जानकारी के मुताबिक एजेंसी वाले एमु 300 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से ले जाते हैं. एक वयस्क एमु का औसतन वजन 50 किलोग्राम होता है. यानी एक एमु की बिक्री 15 हजार रुपये में आराम से हो जाती है. इस तरह दस एमु की कीमत एक लाख 50 हजार रुपये होती है. कितने दिनों में हो जाते हैं वयस्क एमु की ग्रोथ खान-पान और बाड़े की लंबाई पर निर्भर करता है. रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय, बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के पशु उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग के डॉ सुशील प्रसाद बताते हैं कि एक एमु साल से डेढ़ साल में वयस्क हो जाता है. यह चार दिनों में एक अंडा देती है. अंडा का वजन 550 से 750 ग्राम तक होता है. एक अंडे की कीमत एक हजार रुपये और इससे अधिक तक होती है. दो तरह के होते हैं पैकेजवर्तमान में एमु पालन में दो तरह के पैकेज चल रहे हैं. अंडा के लिए पालन और मांस के पालन का पैकेज. कई जगह एमु अंडा बिक्री के लिए पाले जा रहे हैं तो कुछ जगहों पर इसका पालन मांस के लिए होता है. जानकारी के मुताबिक अंडा पालन अधिक लाभदायक होता है. इसमें तुरंत पैसे अाने लगते हैं. खान-पान और केयर एमु मकई का दर्रा, चोकर, गोभी की पत्तियां आदि खाता है. यह गीला खाना नहीं खाता. इन्हें पानी हमेशा चाहिए. जहां तक केयर की बात है तो इन्हें अधिक केयर करने की जरूरत नहीं पड़ती. यह ऑस्ट्रेलिया मूल की पक्षी है. जहां मौसम में काफी उतार-चढ़ाव होता है. इसलिए इस पक्षी को हर मौसम में रहने की आदत है. तेज गर्मी और ठंढ में भी इसे कुछ नहीं होता. बारिश भी इसे अच्छा लगता है. यह जल्दी बीमार नहीं पड़ता. बर्ड फ्लू का भी इसमें डर नहीं रहता. हर अंग है उपयोगी एमु का हर अंग उपयोगी होता है. इसलिए इसका पालन करना ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है. इसके मांस और अंडे खाये जाते हैं. मांस फैट फ्री होता है. यानी इसमें केलेस्ट्रॉल नहीं होता. इसकी पीठ में चर्बी होती है. जिससे कई तरह की दर्द निरोधक दवा बनायी जाती है. लेदर इंडस्ट्री में इसके चमड़े उपयोग में लाये जाते हैं. नाखून से कई तरह के गहने बनाये जाते हैं. कितने लोगों की होती है जरूरत इसके पालन के लिए एक लोग काफी होते हैं. इसे ज्यादा देखभाल करने की जरूरत नहीं होती. दिन में तीन बार चारा देना होता है. थोड़ी-बहुत साफ-सफाई करनी होती है. यह काम एक व्यक्ति आराम से कर सकता है. अधिक पक्षी है तो देखभाल करने के लिए अधिक-से-अधिक दो आदमी काफी होते हैं. कोट यह दूसरा सबसे बड़ा पक्षी है. यह दौड़ सकता है, उड़ नहीं सकता. रेसिस्टेंस पावर अधिक होने के चलते यह हर मौसम में रहने के अनुकूल है. इसलिए इसका फार्मिंग करना आसान है. मेल पक्षी बिना कुछ खाये दो महीने तक अंडा सेता है. केवल बीच-बीच में थोड़ा पानी पीता है. इस पक्षी का इकनाेमिक्स इंपोर्टेंस है. इसलिए कई लोग इसे पाल रहे हैं. – प्रो के के शर्मा, विभागाध्यक्ष, जंतु विज्ञान विभाग, कोऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर इस समय प्रदेश में कुछ प्राइवेट एजेंसियों द्वारा एमु पालन करवाया जा रहा है. व्यापार के दृष्टिकोण से यह काफी लाभदायक पक्षी है. इसका हर अंग उपयोगी होता है. – डॉ सुशील प्रसाद, पशु उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग, रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय झारखंड में दो तरह के पैकेज चल रहे हैं. मीट के लिए पालना और अंडे के लिए पालना. अंडे वाले पैकेज में 10 चिड़िया के लिए तीन लाख और मीट पैकेज में दस चिड़िया के लिए 75 हजार रुपये लग रहे हैं. – अरविंद प्रसाद, सेल्स हेड, झारखंड, समृद्धि मनी मास्टर्स इंटरप्राइजेज लिमिटेड

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