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टॉपर टॉक : अभिषेक कुमार सिंह::::::संपादित

टॉपर टॉक : अभिषेक कुमार सिंह::::::संपादितअच्छा करने के लिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरीअभिषेक कुमार सिंह मार्क्स : 94.25 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : एमएनपीएस, साकचीबोर्ड : आइएससी (बारहवीं)माता : शीला सिंह पिता : गोविंद कुमार सिंह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने शुरू से ही सेलेबस पर फोकस किया था. […]

टॉपर टॉक : अभिषेक कुमार सिंह::::::संपादितअच्छा करने के लिए सेल्फ स्टडी बहुत जरूरीअभिषेक कुमार सिंह मार्क्स : 94.25 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : साइंस स्कूल : एमएनपीएस, साकचीबोर्ड : आइएससी (बारहवीं)माता : शीला सिंह पिता : गोविंद कुमार सिंह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर मैंने शुरू से ही सेलेबस पर फोकस किया था. इससे बाहर की तैयारी नहीं की. आइएससी बोर्ड की तरफ से कोई किताब प्रेसक्राइब्ड नहीं होती है. इस बोर्ड में राइटर्स की किताबें पढ़नी होती हैं. इसलिए स्कूल में जितनी पढ़ायी होती थी, मैं उसे ही अच्छी तरह से पढ़ता था. घर पर हर दिन रीविजन करता था. नहीं की दोबारा गलती मुझे फर्स्ट, सेकेंड टर्म में अच्छे मार्क्स नहीं आये थे. इससे मैं थोड़ा तनाव में रहता था. लेकिन मैं निराश नहीं हुआ. मैंने गलती सुधारने की कोशिश की. हर परीक्षा के बाद छात्रों को पेपर दिखाये जाते थे. गलती बतायी जाती थी. मैनें परीक्षा में जो प्रश्न नहीं बनाये थे, या जहां गलती रह गयी थी, उसे घर पर दो-तीन बार अच्छे से लिखकर पढ़ा. मैं कोशिश करता था कि दोबारा ऐसी गलती न करूं. इस तरह मैं गलतियां सुधारता गया और मेरे मार्क्स अच्छे होते गये. मार्क्स के हिसाब से बनाये थे नोट्स मैंने खुद के नोट्स बनाये थे. स्कूल में टीचर द्वारा पढ़ाये जाने के बाद मैं पाठ्य पुस्तक व हेल्पिंग बुक से डिटेल में नोट्स बनाता था. इस तरह नोट्स इतने अच्छे हो गये थे कि किताब देखने की जरूरत नहीं होती थी. मैंने हर प्रश्न और मार्क्स के हिसाब से नोट्स तैयार किये थे. उदाहरण के लिए अगर कोई प्रश्न दो अंक का है तो मैं पांच अंक के हिसाब से नोट्स बनाता था, ताकि परीक्षा में अच्छी तरह लिख सकूं. कुछ छूट न पाये. अंतिम समय में नोट्स से काफी मदद मिली. एक्स्ट्रा क्लास भी किया हर स्कूल में प्री बोर्ड के बाद एक्स्ट्रा क्लास आयोजित की जाती है. इसमें किसी कारण वश किसी का कुछ छूट गया हो या दिक्कत रह गयी हो तो वह बताया जाता है. मैंने भी एक्स्ट्रा क्लास की थी. साथ ही अलग से डाउट क्लास भी होती है. तैयारी के दौरान मुझे कहीं दिक्कत होती थी तो उसे नोट कर क्लास में डाउट सॉल्व कर लेता था. कारगर होती है सेल्फ स्टडी मेरे हिसाब से सेल्फ स्टडी काफी कारगर होती है. आप क्लास में टीचर की हर बात समझ जाते हैं. लेकिन अगर आप सेल्फ स्टडी नहीं कर पाते हैं तो उसे अच्छी तरह से नहीं लिख सकते. सेल्फ स्टडी से 80 प्रतिशत बात क्लीयर हो जाती हैं. मैंने सेल्फ स्टडी की थी. मैं अन्य छात्रों को भी सेल्फ स्टडी करने की सलाह दूंगा. सॉल्व किया था क्वेश्चन बैंक अच्छी तैयारी के लिए मैंने पिछले दस साल के प्रश्न हल किये थे. इसके अलावा मैंने स्पेसिमेन पेपर भी सॉल्व किया था. क्वेश्चन बैंक सॉल्व कर लेने से आपको हर तरह के प्रश्न का ज्ञान हो जाता है. आप खुद को परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार कर सकते हैं. इसलिए हर छात्र को क्वेश्चन बैंक जरूर बनाना चाहिए. वर्तमान में मैं बीएमआइटी जयपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर रहा हूं. डिग्री लेने के बाद मैं नौकरी करना चाहता हूं. बात पते की -खुद पर भरोसा रखें, इससे सफल होंगे-सेलेबस पर फोकस करें -हर दिन रीविजन जरूर करें, इससे आसान रहता है

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