यम व हनुमत देव को करें प्रसन्न

जमशेदपुर: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को नरक हारा चतुर्दशी, छोटी दीपावली तथा हनुमान जयंती आदि पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी शुक्रवार (1 नवंबर) की रात्रि 8:17 बजे से आरंभ होकर शनिवार (2 नवंबर) की रात्रि 7:41 बजे तक रहेगी. इसलिए उक्त पर्व शनिवार को ही मनाये जायेंगे. इसे छोटी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 2, 2013 10:23 AM

जमशेदपुर: कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को नरक हारा चतुर्दशी, छोटी दीपावली तथा हनुमान जयंती आदि पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी शुक्रवार (1 नवंबर) की रात्रि 8:17 बजे से आरंभ होकर शनिवार (2 नवंबर) की रात्रि 7:41 बजे तक रहेगी. इसलिए उक्त पर्व शनिवार को ही मनाये जायेंगे. इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं.

नरक हारा चतुर्दशी
नरक हारा चतुर्दशी को सायंकाल में पितरों एवं यमदेव के निमित्त दीपदान होता है. आराध्य एवं पूर्वजों को याद कर शुरू किया कार्य शुभ फलदायी होता है. अत: यह पर्व पूर्वजों को समर्पित है. इसमें संध्या समय दक्षिणाभिमुख हो जल, तिल एवं कुश पूर्वजों को अर्पित करें. ऐसा करते समय ‘यमाय नम:, धर्मराजाय नम:, मृत्यवे नम:, अनंताय नम:, वैवस्वताय नम:, कालाय नम:, सर्व भूत क्षयाय नम:, औदुम्बराय नम:, गंधाय नम:, वीराय नम:, परमिष्ठने नम:, वृकोदराय नम:, चित्रय नम:’ आदि का उच्चरण करते हुए व यज्ञोपवीत को कंठी की तरह रख जल छोड़ें.

प्रदोष काल में तिल तेल से भरे, प्रज्वलित 14 दीपक लेकर यमराज को अर्पित करने का संकल्प लें. दीपों को ब्रह्ना, विष्णु, महेश, मठ, बाग-बगीचे, बावड़ी, गली-कूचों, नगर निवास (बथान) आदि अपने अन्य स्थानों पर अलग-अलग रखें, यम देव प्रसन्न होंगे तथा अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा.

यह पर्व परंपरागत रूप में भी मनाते हैं. इसमें रात को परिजनों के सो जाने पर गृहस्वामिनी चार बत्तियों वाला दीपक पूर्वाभिमुख या दक्षिणाभिमुख हो किसी सुनसान जगह अक्षत रख कर जलाती है, ताकि घर के किसी सदस्य वह न दिखे. इससे भी यम देव अति प्रसन्न हो अकाल मृत्यु के भय से मुक्त करते हैं.

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