जमशेदपुर: बिहार के साथ झारखंड को भी विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए, क्योंकि कमोवेश दोनों राज्यों की स्थिति एक जैसी है. सोमवार को सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहीं. उन्होंने कहा कि झारखंड में भी प्रति व्यक्ति योजना पर व्यय काफी कम है. केंद्र जब उत्तराखंड को विशेष दर्जा दे सकता है, तो झारखंड को क्यों नहीं.
भाजपा-जदयू का रिश्ता मजबूत
कांग्रेस और जद यू की नजदीकी बढ़ने के सवाल पर डॉ मिश्र ने कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है, फिलहाल भाजपा -जदयू का रिश्ता मजबूत है. यह टूटने वाला नहीं है. कर्नाटक चुनाव के नतीजे पर कहा कि वहां नरेंद्र मोदी के जाने से मुसलमान एकजुट हुए व भाजपा हार गयी, लेकिन भाजपा इसे स्वीकार नहीं करना चाहेगी.
एक हजार करोड़ का नुकसान
श्री मिश्र ने कहा कि झारखंड का बिक्री कर सही ढंग से नहीं मिल रहा है. इसका मूल कारण यह है कि यहां की कंपनियों के स्टॉक को दूसरे राज्य में ट्रांसफर कर दिया जा रहा है. इससे राज्य को प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है.
खनिज पर कम रॉयल्टी
डॉ मिश्र ने कहा कि झारखंड को खनिज पर जो रॉयल्टी मिलती है, वह काफी कम है. जबकि उपभोक्ता को जिस दर पर खनिज बेचा जाता है, उस आधार पर रॉयल्टी का निर्धारण होना चाहिए, लेकिन सरकार टन के आधार पर खनिज की रॉयल्टी तय करती है.