जमशेदपुर: पूर्व आरडीडीइ नागेंद्र ठाकुर द्वारा भेजे गये डाक (पत्र) को चाईबासा से जमशेदपुर आने में 16 दिन लग गये, जबकि अमूमन दो से तीन दिन में चाईबासा से डाक आ जाना चाहिए. गौरतलब है कि पिछले दिनों मानव संसाधन विकास विभाग ने आरडीडीइ नागेंद्र ठाकुर को 15 अक्तूबर को ज्ञापांक -04/ आ 1-26/2011 – 170 के जरिये निलंबित कर उन पर विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया.
पिछले दिनों मीडिया में खबर आयी थी कि आरडीडीइ नागेंद्र ठाकुर निलंबन का आदेश आने के बाद भी ऑफिस जाते रहे हैं. सूत्रों की मानें तो वहां बैक डेट से कई फाइलों का उन्होंने निबटारा भी किया. पिछले 24 अक्तूबर को जमशेदपुर शिक्षा विभाग को तीन पत्र प्राप्त हुए जिसमें कई महत्वपूर्ण आदेश दिये गये थे. आरडीडीइ की ओर से पत्र भेजे जाने की तारीख आठ अक्तूबर लिखी गयी है. जाहिर है कि चाईबासा से उक्त पत्र को जमशेदपुर पहुंचने में 16 दिन लग गये. इस वजह से कयास लगाये जा रहे हैं निलंबन के बाद भी कई फाइलों को उन्होंने बैक डेट से निबटा कर उसे विभाग में जूनियर अधिकारियों को भेजा है.
आदेश के खिलाफ गये कोर्ट
मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से की गयी कार्रवाई को पूर्व नागेंद्र ठाकुर ने कोर्ट में चुनौती दी है तथा कहा कि उनका निलंबन गलत तरीके से किया गया है. जांच के दौरान उन्हें सही तरीके से अपना पक्ष नहीं रखने दिया गया. एक पक्ष को ध्यान में रख कर ही कार्रवाई की गयी है. श्री ठाकुर के अनुसार उन्होंने रांची हाइकोर्ट में राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ अपील की है. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा है.