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कंपनी में एक ही यूनियन हो

जमशेदपुर: एक कंपनी में एक से ज्यादा यूनियन होना नुकसानदेह होता है. इससे कंपनी प्रबंधन को भी नुकसान होगा तो यूनियन के स्तर पर होने वाली वार्ता भी सफल नहीं हो सकेगी. यह बातें टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह ने कहीं. श्री सिंह बैंकॉक में सोमवार को टाटा स्टील नेटवर्किग व टाटा यूनियनों […]

जमशेदपुर: एक कंपनी में एक से ज्यादा यूनियन होना नुकसानदेह होता है. इससे कंपनी प्रबंधन को भी नुकसान होगा तो यूनियन के स्तर पर होने वाली वार्ता भी सफल नहीं हो सकेगी.

यह बातें टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह ने कहीं. श्री सिंह बैंकॉक में सोमवार को टाटा स्टील नेटवर्किग व टाटा यूनियनों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे.

वहां टाटा स्टील के सिंगापुर, थाईलैंड, फिलिपिंस समेत अन्य कार्यालयों से आये प्रतिनिधियों और यूनियन लीडर की सभा आयोजित की गयी. इस बैठक में टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह ने टाटा स्टील के अनुभवों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने अपने अंग्रेजी में दिये गये भाषण में बताया कि कई स्थानों पर एक से ज्यादा यूनियन होती हैं.

लेकिन जमशेदपुर का टाटा स्टील एक उदाहरण है, जिसके माध्यम से सारा काम होता है. वैसे कई यूनियनें इस प्रयास में रहती हैं कि मान्यता दे दी जाये, लेकिन यह संभव नहीं हो सकेगा. टाटा वर्कर्स यूनियन के बारे में कहा कि यूनियन वर्षो से संचालित हो रही है. किसी तरह का विवाद नहीं है. 80 साल से कंपनी में किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ और हड़ताल नहीं हुई. इस कारण कंपनी को चाहिए कि एक ही यूनियन रखे और सभी नेताओं को आपसी समन्वय बनाकर इस दिशा में सोचना होगा. यह अभिभाषण अधूरा ही रह गया क्योंकि समय पूरा हो चुका था. यह तय किया गया कि मंगलवार को अध्यक्ष फिर से आपसी समन्वय पर भाषण देंगे और सबको बतायेंगे कि किस तरह सौहाद्र्र में कंपनी का संचालन हो सकता है.

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