ब्रजेश सिंह
जमशेदपुर : शहर की कंपनियों में इस बार बोनस कम होने का असर बाजार पर दिखने लगा है. इस बार शहर की लगभग सबी कंपनियों में पिछली बार की तुलना में कम बोनस हुआ है. हालांकि इसके पीछे सुस्त अर्थव्यवस्था और कंपनियों के उत्पादन को कारण बताया जा रहा है. प्रॉफिट शेयरिंग बोनस के रूप में प्रचलित करने में कंपनियों ने सफलता हासिल की है, जबकि इसे लेकर यूनियन बैकफुट पर नजर आ रही है.
प्रबंधन के साथ चलने का संकल्प को देखते हुए इंटक की सभी यूनियनों ने कम पर बोनस समझौता किया है. हालांकि यह दलील दी गयी कि कंपनी का मुनाफा घटने के कारण बोनस कम हुआ है. कई कंपनियों ने बोनस शब्द लिखने से किया परहेजकई कंपनियों ने समझौता के बाद जारी प्रेस रिलीज में बोनस शब्द लिखने से परहेज किया है. इसकी वजह क्या है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
टिमकेन, यूनाइटेड व गोलमुरी क्लब में बोनस राशि बढ़ीशहर में टिमकेन इंडिया ही एकमात्र कंपनी रही है, जिसने ज्यादा बोनस दिया. यूनाइटेड क्लब व गोलमुरी क्लब ने भी पिछले साल से ज्यादा बोनस राशि का भुगतान किया है. कंपनियों की स्थिति के कारण बोनस घटा : राकेश्वरकंपनियों की वर्तमान स्थिति के कारण बोनस की राशि घटी है. इसे लेकर निश्चित तौर पर कदम उठाने की जरूरत है. बोनस कम मुनाफा होने के कारण हुआ है. -राकेश्वर पांडेय, मजदूर नेता