जमशेदपुर : राज्य सूचना आयोग ने निर्धारित अवधि में आरटीअाइ के तहत सूचना उपलब्ध नहीं कराने के मामले में आवेदक को 50 हजार रुपये जुर्माना देने का निर्देश दिया है. आयोग ने 28 अक्तूबर तक ड्राफ्ट के माध्यम से राशि देने और उसकी प्रति आयोग को उपलब्ध कराने को कहा है. अावेदक चांडिल निवासी अमित मांझी है. आवेदक की तरफ से अधिवक्ता गुंजन राय मामले की पैरवीकार हैं. अधिवक्ता ने बताया कि अमित मांझी ने 19 दिसंबर 2013 को चाईबासा में आरटीआइ डाली थी.
आरटीआइ के तहत इसकी जानकारी लेना चाहते थे कि बीएड की परीक्षा में जो स्टूडेंट फेल हो जाते हैं. वह दूसरे वर्ष की परीक्षा में शामिल होते हैं. पास होने के बाद उन्हें डिवीजन नहीं मिलता है, ऐसा क्यों किया जाता है. जबकि पहले वर्ष उत्तीर्ण छात्रों को डिवीजन दिया जाता है. इसका 30 दिनों के अंदर जवाब नहीं दिया गया. 24 अप्रैल 14 को इसका जवाब अधिवक्ता के पते पर पहुंचा. उन्होंने विलंब से सूचना देने के मामले की जानकारी राज्य सूचना आयोग रांची को दी. आयोग के हेमांशु शेखर चौधरी के समक्ष दोनों पक्षों ने अपनी बातें रखी. विवि ने अपने पक्ष से कहा कि कर्मचारी के अभाव के कारण सूचना देने में विलंब हुआ है. आयोग ने अपने फैसले में कहा कि कर्मचारी की कमी के लिए आवेदक जिम्मेवार नहीं है. इसके लिए कोल्हान विवि को 50 हजार रुपये आवेदन को जुर्माना के तौर कर देने की निर्देश दिया.