झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज मिश्र की ओर से अखबार की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए की गयी शिकायत के बाद आयोग ने यह नोटिस जारी किया है. साथ ही इस मामले में सरकार को आवश्यक कार्रवाई करते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है. 31 अगस्त को रांची में लगने वाले आयोग के विशेष कैंप में भी इस मामले की सुनवाई होगी, जिसमें मनोज मिश्र इससे संबंधित आंकड़े और पक्ष रखेंगे.
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मुख्य सचिव 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करें
जमशेदपुर. ‘प्रभात खबर’ में 17 मई 2015 को प्रकाशित घाटशिला के दारीसाई पर आधारित रिपोर्ट ‘55 में से 23 सबरों की मौत’ सहित अन्य संबंधित रिपोर्टो पर संज्ञान लेते हुए झारखंड के मुख्य सचिव को चार हफ्ते में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जवाब दाखिल करने को कहा है. झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस के केंद्रीय अध्यक्ष […]
जमशेदपुर. ‘प्रभात खबर’ में 17 मई 2015 को प्रकाशित घाटशिला के दारीसाई पर आधारित रिपोर्ट ‘55 में से 23 सबरों की मौत’ सहित अन्य संबंधित रिपोर्टो पर संज्ञान लेते हुए झारखंड के मुख्य सचिव को चार हफ्ते में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जवाब दाखिल करने को कहा है.
गौरतलब है कि ‘प्रभात खबर’ में सबरों और बिरहोरों के हालात पर सिलसिलेवार रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद झारखंड ह्यूमन राइट्स कांफ्रेंस की टीम ने दारीसाई ग्राम का दौरा भी किया था. जहां उन्होंने देखा कि सबरों के लिए बने 14 बिरसा आवासों में से तीन आवास पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं. इस आवास में रहनेवाले परिवारों के सभी सदस्यों की मौत हो चुकी है. जांच के क्रम में रमेश सबर ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम में पहले सबरों की आबादी 28 हजार के आसपास थी, जो अब 18 से 20 हजार हो गयी है. अपने खेतों पर इनका कब्जा नहीं है, स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दयनीय है. कांफ्रेंस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से इस संबंध में पत्र लिख कर इस मामले की जांच करने के लिए टीम भेजने का आग्रह किया है.
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