नोट- फोटो है.डॉ दिलीप कुमारकंसल्टेंट फीजिशियनहाइपर टेंशन की बीमारी, यानी ब्लड प्रेशर काफी सामान्य है. लेकिन, यह काफी खतरनाक भी है. यह बीमारी ज्यादातर 40 साल की उम्र से ज्यादातर लोगों को अपनी चपेट में लेती है. लेकिन, बदलते दौर में यह 40 से कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है. प्राइमरी हाइपर टेंशन के कारणों का सही सही पता नहीं होता. यह उम्र के बढ़ने के साथ लोगों को अपनी चपेट में लेती है, वहीं सेकेंडरी हाइपर टेंशन की बीमारी किडनी की बीमारी के चलते, एंडोक्रॉनिकल डिजीज के कारण, महिलाओं में गर्भ निरोधक दवाओं के सेवन करने के कारण हो सकती है. बीमारी के होने से देखा गया है कि मरीज को चक्कर आता है, सिर दर्द, कमजोरी व अनिंद्रा की शिकायत हो जाती है. सामान्यतौर पर इस बीमारी में इसी प्रकार के लक्षण दिखायी देते हैं. ऐसे लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये. इससे बचाव के लिए समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहना चाहिए. हाइपर टेंशन का साइड इफेक्ट किडनी फेल्योर, हार्ट फेल्योर, विजन सिंड्रॉम के रूप में सामने आता है. बीमारी : हाइपर टेंशन. लक्षण : चक्कर आना, सिर दर्द, कमजोरी व अनिद्रा. बचाव : समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक करवायें, डॉक्टरों की सलाह से दवा खायें.
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हाइपर टेंशन में ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करायें
नोट- फोटो है.डॉ दिलीप कुमारकंसल्टेंट फीजिशियनहाइपर टेंशन की बीमारी, यानी ब्लड प्रेशर काफी सामान्य है. लेकिन, यह काफी खतरनाक भी है. यह बीमारी ज्यादातर 40 साल की उम्र से ज्यादातर लोगों को अपनी चपेट में लेती है. लेकिन, बदलते दौर में यह 40 से कम उम्र के लोगों को भी अपना शिकार बना रही है. […]
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