नोट- फोटो है. डॉ रंजना जोशीस्त्री रोग विशेषज्ञमहिलाओं को होने वाली बीमारियों में से एक है- एनीमिया. महिलाओं को यह बीमारी खानपान में कमी के कारण, पुराने रोग जैसे थैलेसिमिया से ग्रसित होने के कारण व मासिक के दौरान अत्यधिक रक्त स्त्राव होने के कारण हो सकती है. देखा गया है कि प्रेगनेंसी में कम समय का गैप रखने के कारण भी यह बीमारी होती है. बीमारी के होने से मरीज काफी थकावट का एहसास करता है, सीढ़ी चढ़ने या उतरने में सांस फूलने लगता है, चेहरे में पीलापन व सफेदी आ जाती है व चेहरे में सूजन आ जाती है. बीमारी से पीडि़त मरीज में सामान्य तौर पर इसी प्रकार के लक्षण दिखायी देते हैं. शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेना चाहिये. बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि संतुलित आहार का सेवन किया जाये, जिसमें हरी शाक-सब्जियां, फलों में अनार, मांसाहारी भोजन में मीट व मछली का सेवन करने के साथ चना व गुड़ का सेवन करना चाहिये. प्रेगनेंसी में कुछ साल का गैप रखना चहिये. बीमारी : एनीमिया लक्षण : कम काम करने पर भी थकावट, चेहरे में पीलापन, चेहरे में सूजन आदि. बचाव : संतुलित आहार लें, हरी शाक-सब्जियां खायें, फल, मछली आदि का सेवन करें. प्रेगनेंसी में गैप रखें.
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एनीमिया से बचने के लिए महिलाएं खान-पान पर ध्यान दें
नोट- फोटो है. डॉ रंजना जोशीस्त्री रोग विशेषज्ञमहिलाओं को होने वाली बीमारियों में से एक है- एनीमिया. महिलाओं को यह बीमारी खानपान में कमी के कारण, पुराने रोग जैसे थैलेसिमिया से ग्रसित होने के कारण व मासिक के दौरान अत्यधिक रक्त स्त्राव होने के कारण हो सकती है. देखा गया है कि प्रेगनेंसी में कम […]
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