इससे आसपास के वायु में प्रदूषण अधिक हो गया है, जो लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है. नियमानुसार मेडिकल वेस्टेज को 900 से 1100 डिग्री सेंटीग्रेड पर जलाना है. वहीं धुआं सीधे ऊपर की ओर जाना चाहिए. टीम ने कमियों को जल्द दूर करने का आदेश दिया. गौरतलब हो कि झारखंड हाइकोर्ट ने आदेश दिया है कि जिन अस्पताल व नर्सिग होम के मेडिकल कचरा निष्पादन के लिए इंसीनेटर नहीं है. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाये. इस आदेश के आलोक में बुधवार को टीम ने एमजीएम का निरीक्षण किया. इस दौरान अस्पताल में कई जगहों पर मेडिकल कचरा मिला. एमजीएम का इंसीनेटर काफी दिनों से खराब है. इसका निबंधन का रिनिवल लगभग पांच साल से नहीं कराया गया है.
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एमजीएम की आबोहवा से बीमार होने का खतरा
जमशेदपुर: कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मेडिकल वेस्टेज (कचरा) का नियमानुसार निष्पादन नहीं होने से मरीज व वहां पहुंचने वालों को खतरनाक बीमारियां हो सकती है. बुधवार को प्रदूषण विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने एमजीएम का निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने पाया कि इंसीनेटर में खराबी आने के कारण मेडिकल कचरा […]
जमशेदपुर: कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मेडिकल वेस्टेज (कचरा) का नियमानुसार निष्पादन नहीं होने से मरीज व वहां पहुंचने वालों को खतरनाक बीमारियां हो सकती है. बुधवार को प्रदूषण विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने एमजीएम का निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने पाया कि इंसीनेटर में खराबी आने के कारण मेडिकल कचरा को 300 डिग्री सेंटीग्रेड पर जलाया जा रहा है. वहीं इसका धुआं नीचे की ओर आ रहा है.
हाल में इंसीनेटर की मरम्मत की गयी थी.
सदर अस्पताल में नहीं है इंसीनेटर
खासमहल स्थित सदर अस्पताल में इंसीनेटर की सुविधा नहीं होने के कारण मेडिकल कचरा का निष्पादन सही से नहीं हो पा रहा है. यहां के मेडिकल कचरा को अस्पताल के पीछे एक गड्ढा में डाल कर ढक दिया जा रहा है. ऐसे में आस-पास के लोगों में बीमारी का खतरा है.
‘‘एमजीएम अस्पताल में लगा इंसीनेटर खराब हो गया है. नया इंसीनेटर के लिए सरकार को लिखा गया है. जल्द ही इसे बदल कर नया लगाया जायेगा. – डॉक्टर आर वाई चौधरी, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
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