जमशेदपुर: मध्यप्रदेश का खंडवा जेल तोड़ कर फरार हुए सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंटऑफ इंडिया, फिलहाल इंडियन मजुहिदीन) के छह आतंकियों में एक डॉ अबू फैजल ने वर्ष 2011 में जमशेदपुर को अपना ठिकाना बनाया था. वह आजादनगर थाना अंतर्गत जाकिर नगर, क्रास रोड-13 में दो माह तक रुका था.
अपने साथी इकरार शेख के साथ उसने यहां दो मंजिला मकान भी खरीद लिया था. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. यह खुलासा 7-8 जून, 2011 को तब हुआ था, जब भोपाल एटीएस की टीम दोनों को जांच के लिए जमशेदपुर लेकर पहुंची थी. भोपाल एटीएस की टीम ने छापामारी कर आतंकियों के मकान से 3.5 किलो सोना जब्त किया था. यह सोना भोपाल में मन्नापूरम गोल्ड से लूटा गया था. उक्त घटना में 6.5 किलो सोने की लूट हुई थी. इसके अलावा अबू और इकरार पर सिपाही की हत्या, रतलाम में हत्या, अयोध्या में विवादित ढांचे पर फैसला सुनाने वाले जज की हत्या की साजिश करनेृ, हिंदू संगठनों के नेताओं की हत्या की साजिश करने आदि के आरोप में भोपाल एटीएस ने इन्हें गिरफ्तार किया था. दोनों ने भोपाल एटीएस के सामने स्वीकारा था कि जमशेदपुर में दो माह तक इनका ठिकाना रहा था. दोनों आतंकियों का रांची के दानिश से भी संबंध था.
भोपाल एटीएस की टीम ने दोनों को 5-6 जून 2011 को गिरफ्तार किया था. दोनों ने एटीएस के समक्ष अपने जमशेदपुर कनेक्शन का खुलासा किया था. खुलासे से चौंकी एटीएस की टीम ने जमशेदपुर पहुंच कर जांच शुरू की थी. आजादनगर स्थित दोनों के मकान पर छापामारी हुई थी. इसमें सिमी से जुड़े कई अहम दस्तावेज बरामद किये गये थे.
नहीं लगी थी भनक
जमशेदपुर में दो माह गुजारने के बावजूद झारखंड के सुरक्षा एजेंसियों या पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. दो माह तक जमशेदपुर में गुजारने के दौरान सरकारी दस्तावेजों के लिए भी दोनों ने आवेदन किया था, बावजूद इनके बारे में कुछ पता नहीं चला था.
मुंबई निवासी है अबू
जेल तोड़ कर भागे आतंकियों में अबू फैजल मुंबई के जुहू का निवासी है. वहीं खुफिया विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि मध्यप्रदेश से फरार सभी आतंकी महाराष्ट्र में प्रवेश कर चुके हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि अबू ने सभी आतंकियों के छिपने की व्यवस्था की है. आतंकियों ने जेल से भागने के लिए 15 फीट ऊंची दीवार को फांदा, इसके लिए रस्सी के रूप में चादरों का प्रयोग किया गया है.