जमशेदपुर : सुंदरनगर-तुरामडीह यूसिल कॉम्प्लेक्स में विधायक चंपई सोरेन ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चाईबासा, सरायकेला और चक्रधरपुर में स्टील प्लांट किसी भी कीमत पर लगने नहीं दिया जायेगा.
अब विकास के नाम पर आदिवासी-मूलवासी को विस्थापन-पलायन मंजूर नहीं है. राज्य के मुख्यमंत्री पहले टाटा स्टील कारखाना की वजह से विस्थापित हुए 18 मौजा के लोगों को नौकरी और मुआवजा दें. झारखंडियों को आदित्यपुर क्षेत्र समेत अन्य सभी कंपनी में 85 प्रतिशत लोगों को नौकरी दिया जाये. उसके बाद कंपनी लगाने के लिए जमीन देने पर विचार करेंगे. यहां पहले भी उद्योग के नाम पर हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं, उन्हें अब तक न्याय नहीं दिया गया.
लोग कंपनी को अपनी जमीन देने का खामियाजा अब तक भुगत रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा की नजर यहां की खनिज संपदा पर नजर है. कॉरपोरेट सेक्टर को लाभ पहुंचाना चाहती है. उन्हें के इशारे पर भाजपा काम कर रही है. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये या सीएम रघुवर दास किसी की नहीं चलने दी जायेगी. आदिवासी-मूलवासी हित के खिलाफ कोई जबरन भूमि अधिग्रहण का प्रयास किया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा.
झामुमो 30 जून को सिदो-कान्हू दिवस पर इसके विरोध उलगुलान का आगाज किया जायेगा. आदिवासी-मूलवासी को केंद्र मान कर झारखंड राज्य का गठन किया गया था, लेकिन उन्हें हाशिये पर ढकेलने की साजिश को पुरा नहीं होने दिया जायेगा.