(फोटो सोम प्रदोष के नाम से सेव है)सोम प्रदोष व्रत आजजमशेदपुर. अधिक आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि सोमवार, 29 जून को प्रात: 8:48 बजे तक है, उसके बाद अधिक आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि आरंभ होगी. इसलिए मासिक प्रदोष व्रत उसी दिन होगा. इस दिन सोमवार होने के कारण यह सोम प्रदोष होगा. इस व्रत के निमित्त व्रती को प्रात: स्नानादि से निवृत्त होने के पश्चात व्रत एवं शिव पूजन का संकल्प लेकर पूरे दिन निराहार रहना चाहिए. सूर्यास्त से पूर्व पुन: स्नान करने के पश्चात शिवालय जाकर भगवान शिव का पूजन करना चाहिए. यदि यह संभव न हो तो व्रती को घर में ही मुष्टिका के बराबर शिव प्रतिमा अथवा शिवलिंग का निर्माण कर उनका पंचोपचार, शोड़षोपचार अथवा किसी कर्मकांडी ब्राह्मण की देखरेख में उनका पूजन करना चाहिए. इसमें रुद्र पाठ, शिव स्तुति, शिव चालीसा के साथ ही प्रदोष व्रत की कथा का वाचन अथवा श्रवण अवश्य करना चाहिए. यदि यह भी संभव न हो तो कम से कम शिव पंचाक्षरी (ॐ नम: शिवाय) का कम से कम एक माला जाप अवश्य करें. इस पूजा में भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती का पूजन भी अत्यावश्यक है. पूजन के पश्चात घर आकर कुटंुंब जन, मित्रों एवं परिजनों में प्रसाद वितरित करने के पश्चात स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करना चाहिए. वैसे तो अलग-अलग माह के प्रदोष व्रत के भिन्न-भिन्न फल होते हैं, पर सोम प्रदोष व्रत करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति, अभीष्ट मनोरथ की पूर्ति होती है. व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के पश्चात कभी भी किया जा सकता है. पुन: स्नान का समय : संध्या 6:05 से 6:32 बजे तकपूजन के लिए समय : संध्या 6:35 से 7:25 बजे तक
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प्रदोष काल में शिव पार्वती की पूजा कर पायें अभीष्ट फल
(फोटो सोम प्रदोष के नाम से सेव है)सोम प्रदोष व्रत आजजमशेदपुर. अधिक आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि सोमवार, 29 जून को प्रात: 8:48 बजे तक है, उसके बाद अधिक आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि आरंभ होगी. इसलिए मासिक प्रदोष व्रत उसी दिन होगा. इस दिन सोमवार होने के कारण यह सोम प्रदोष होगा. इस व्रत […]
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