हेडिंग:::: अंतर्मंथन से बाहर आएंगे सद्गुण (फोटो दुबेजी की होगी)वामन अवतार की झांकी पर झूमे उपस्थित श्रद्धालुलाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर गोलमुरी शिवमंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन प्रवचनकर्ता संजय पराशर ने समुद्र मंथन एवं उससे महालक्ष्मी के प्राकट्य प्रसंग के साथ कथा की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि समुद्र के गर्भ में अमूल्य रत्न छिपे हैं. देवों एवं दानवों ने मिल कर उसका मंथन किया तो पहले हालाहल विष निकला जिसका भगवान शिव ने पान किया और नीलकंठ कहलाये. उसके बाद पुन: मंथन से अमृत कलश के साथ महालक्ष्मी का प्राकट्य हुआ जिसे प्राप्त करने को लेकर देवों एवं दानवों, दोनों में संघर्ष होने लगा. किन्तु, महालक्ष्मी ने भगवान विष्णु का वरण किया तथा भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं को अमृत का पान कराया. उन्होंने कहा कि इंसान को स्वयं का आंतरिक मंथन करना चाहिए, जिससे उसके अंदर छिपे सद्गुण बाहर आ सकें और वह जनकल्याण के कार्य कर सके. इसके पश्चात उन्होंने वामन अवतार की कथा सुनायी. नारी जागरण समिति की ओर से आयोजित उक्त कथा यज्ञ में महिलाओं ने माता लक्ष्मी एवं भगवान वामन की मनोरम झांकी प्रस्तुत की. वामन अवतार के प्रसंग में राजा बलि की कथा भी आयी. अंत में आरती एवं प्रसाद वितरण के बाद आज की कथा को विराम दिया गया.
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गोलमुरी शिवमंदिर में भागवत कथा का तीसरा दिन
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