जमशेदपुर: आर्थिक मंदी के दौरान वित्तीय चुनौती से निबटने पर आयोजित सेमिनार में देश के अग्रणी वित्तीय संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को अपने विचार साझा किये. बिष्टुपुर के एक होटल में विशेषज्ञों ने कहा कि सर्वोच्च प्रबंधकीय कुशलता, वित्तीय संस्थानों के सहयोग, मानव संसाधन के सही दोहन से इस चुनौती से निबटना संभव है.
इस दौरान आवश्यक है कि उद्यमी धैर्य रखें, बाजार को नियंत्रित करने पर सभी की सहभागिता हो. सेमिनार में सिडबी, एनएसआइसी, आरबीआइ सरीखे शीर्ष वित्तीय संस्थानों के अलावा औद्योगिक संस्था एमएसएमइ सहित जमशेदपुर और आसपास के उद्यमी उपस्थित थे. सेमिनार में सीआइआइ झारखंड स्टेट कौंसिल के चेयरमैन एसके बेहेरा ने दुनिया के हर अर्थनीति में एमएसएमइ की भूमिका पर विचार रखते हुए बैंकों से अपील की कि वे एमएसएमइ को ब्याज दरों पर सहयोग करें ताकि मौजूदा परिदृश्य में एमएसएमइ मजबूत हो. इसके अलावा बैंकों को एमएसएमइ को प्रशिक्षित करने की भी जरूरत है.
वित्त पोषण प्रक्रिया में स्पष्टता लाये बैंक
बैंक वित्तपोषण प्रक्रिया में स्पष्टता और कंपनी अपनी बैलेंस शीट को पारदर्शी करने पर जोर दें. उक्त बातें सीआइआइ (कानफडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीज), जमशेदपुर चैप्टर द्वारा आयोजित आर्थिक मंदी में वित्तीय चुनौती का प्रबंधन सेमिनार में उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए सिडबी के ईस्टर्न रीजन जेनरल मैनेजर एस रामाकृष्णन ने कही. उन्होंने सिडबी द्वारा एमएसएमइ (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) को दिये जा रहे प्रोत्साहन पर भी उद्यमियों को विस्तृत रूप से बताया.
सेमिनार दो तकनीकी सत्र में हुआ जिसके पहले सत्र में एमएसएमइ को वित्तपोषित करने की सरकारी दृष्टिकोण पर विशेषज्ञों ने अपने विचार उद्यमियों से साझा किया. एमएसएमइ, रांची के निदेशक महादेव लकड़ा ने सरकार द्वारा प्रस्तावित अलग-अलग योजनाओं के बारे में लोगों को बताया. जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक अमित सिन्हा ने एमएसएमइ के मौजूदा वित्तपोषण के गाइडलाइन की जानकारी दी. सिडबी के डीजीएम केआर सैमुअल ने आर्थिक मंदी में क्रेडिट फाइनेंसिंग की भूमिका के बारे में बताया. एनएसआइसी के सीनियर मैनेजर ने एमएसएमइ को प्रोत्साहित करने की भूमिका पर प्रकाश डाला.
दूसरे सत्र में बैंकिंग सेक्टर के दिग्गजों ने आर्थिक मंदी के दौरान व्यवसाय प्रबंधन के बारे में बताया. एमएसएमइ पैनल के संयोजक एके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में इस सत्र के दौरान बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम अश्विनी गुप्ता ने वित्तपोषण, एमसीएस के मैनेजर संजीव जैन ने एमएसएमइ के प्राइस रिस्क मैनेजमेंट, एसबीआइ के चीफ मैनेजर एचके करीमी ने रीफाइनेंसिंग व एनपीए के रीस्ट्ररिंग पर जानकारी दी.