आरबीबी सिंह-रघुनाथ पांडेय के बीच चल रहे संघर्ष के दौर में पीड़ित गुलाम मोइनुद्दीन, सीताराम कुमार, भाष्कर राव, रमाशांकर सिंह समेत अन्य की वापसी सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे रघुनाथ पांडेय ने करवायी. हालांकि उसमें तत्कालीन केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के लोक जनशक्ति पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष हिदायत खान व अन्य राजनैतिक नेताओं के योगदान की भी चरचा उठी थी. यूनियन की वर्तमान कमेटी में भी कई पदाधिकारी व कमेटी मेंबरों की इच्छा है कि अध्यक्ष प्रबंधन से बात कर वैसे सस्पेंड कमेटी मेंबर व कर्मचारी की वापसी करायी जाये, जो राजनैतिक खींचतान के शिकार बने हैं.
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सस्पेंड कमेटी मेंबर व कर्मचारी होंगे वापस!
जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन में सत्ता बदलते ही सस्पेंड व इंक्वायरी की मार ङोल रहे कमेटी मेंबर व कर्मचारियों की सुरक्षित वापसी होती रही है. आर रवि प्रसाद को यूनियन की सत्ता संभाले तीन माह हो गये, पर अभी तक चार कमेटी मेंबर व एनएस ग्रेड के 10 कर्मचारियों की वापसी नहीं हो सकी है. […]
जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन में सत्ता बदलते ही सस्पेंड व इंक्वायरी की मार ङोल रहे कमेटी मेंबर व कर्मचारियों की सुरक्षित वापसी होती रही है. आर रवि प्रसाद को यूनियन की सत्ता संभाले तीन माह हो गये, पर अभी तक चार कमेटी मेंबर व एनएस ग्रेड के 10 कर्मचारियों की वापसी नहीं हो सकी है.
सत्ता पक्ष पर राजनैतिक कारणों से विपक्षी व विरोध करने वाले कमेटी मेंबर, कर्मचारियों को सस्पेंड कराने का आरोप लगता रहता है. इसके परिणाम स्वरूप सत्ता बदलते ही पीड़ितों का दुख दूर करने का प्रयास किया जाता है. पीएन सिंह एंड टीम जब सत्ता में आयी, तो 15 दिनों में ही बी बी सिंह व सीताराम कुमार की वापसी करवायी थी.
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