उन्होंने बकाया वेतन की मांग की थी. इस मामले में डा.शिव बहादुर सिंह की ओर से अधिवक्ता सुनील वरण सेन पैरवी कर रहे थे. डा.शिव बहादुर सिंह ने बताया कि उन्होंने अधिवक्ता एक्ट सेक्शन 35 का उल्लंघन करने के आरोप में अधिवक्ता सुनील वरण सेन के खिलाफ झारखंड राज्य बार काउंसिल से शिकायत की थी. इसके बाद झारखंड राज्य बार काउंसिल ने सुनील वरण सेन को शोकॉज किया था. जवाब नहीं देने पर अधिवक्ता श्री सेन पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.
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अधिवक्ता सुनील पर एक वर्ष का प्रतिबंध
जमशेदपुर: झारखंड राज्य बार काउंसिल ने जमशेदपुर श्रम न्यायालय के अधिवक्ता सुनील वरण सेन पर एक वर्ष का प्रतिबंध और 25 हजार जुर्माना लगाया है. अब सुनील वरण सेन देश के किसी अदालत में एक वर्ष तक प्रैक्टिस नहीं कर पायेंगे. इस मामले में जुगसलाई निवासी डा.शिव बहादुर सिंह (अधिवक्ता) ने वर्ष 1990 में इस्ट […]
जमशेदपुर: झारखंड राज्य बार काउंसिल ने जमशेदपुर श्रम न्यायालय के अधिवक्ता सुनील वरण सेन पर एक वर्ष का प्रतिबंध और 25 हजार जुर्माना लगाया है. अब सुनील वरण सेन देश के किसी अदालत में एक वर्ष तक प्रैक्टिस नहीं कर पायेंगे. इस मामले में जुगसलाई निवासी डा.शिव बहादुर सिंह (अधिवक्ता) ने वर्ष 1990 में इस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ तीन क्लेम केस किये थे.
डा.शिव बहादुर सिंह ने बताया कि जुर्माना राशि जमा करने के बाद अधिवक्ता श्री सेन ने अपना जवाब बार काउंसिल को सौंपा. इसके बाद मामले की सुनवाई बार काउंसिल में शुरू हुई. इसमें बार ने अधिवक्ता सुनील वरण सेन को दोषी पाया. इसके बाद बार काउंसिल ने फैसला सुनाया. वहीं लापरवाही को लेकर अधिवक्ता सेन पर 25 हजार जुर्माना लगाया गया. डा.शिव बहादुर सिंह ने बताया कि जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन का पहला मामला है. इससे पूर्व किसी भी अधिवक्ता के प्रैक्टिस पर रोक नहीं लगी थी.
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