डॉ. पी मजूमदार, एमडी मेडिसीन एड्स एक जानलेवा बीमारी है. असुरक्षित यौन संबंध बनाने से एड्स के जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. एड्स को एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम कहा जाता है. यह बीमारी असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून के इस्तेमाल से, संक्रमित सूई के इस्तेमाल से होती है. एड्स का वायरस बॉडी फ्लयूड, खून, स्लाइवा से फैलने वाला वायरस है. इस बीमारी में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को लगातार कम होते जाना, ग्लैंड्स में सूजन आना, ज्यादा दिनों तक दस्त होना, टीबी होना, बुखार होना आदि प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं. इस बीमारी से बचने के लिए संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें, संक्रमित सुई को अच्छे तरीके से डिस्पोज कर दें. इसके अलावा इस इस बीमारी को लेकर जागरुक रहें. ताकि इस रोग से बचा जा सकें.बीमारी : एड्स.लक्षण : रोग प्रतिरोधक क्षमता को लगातार कम होते जाना, ग्लैंड्स में सूजन आना, ज्यादा दिनों तक दस्त होना, टीबी होना, बुखार होना आदि. उपाय : संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें, संक्रमित सुई को अच्छे तरीके से डिस्पोज कर दें, रोग को लेकर पूरी जानकारी रखें, लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लें.
Advertisement
एड्स के प्रति जागरुकता जरूरी
डॉ. पी मजूमदार, एमडी मेडिसीन एड्स एक जानलेवा बीमारी है. असुरक्षित यौन संबंध बनाने से एड्स के जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. एड्स को एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम कहा जाता है. यह बीमारी असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून के इस्तेमाल से, संक्रमित सूई के इस्तेमाल से होती है. एड्स का वायरस बॉडी फ्लयूड, […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement