यूनियन ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय से स्पष्ट है कि कन्वाई चालकों का नियोक्ता व नियोजक का कोई संबंध नहीं है .साथ ही ऐसे कई निर्णय हैं जिसमें यह बताया गया है कि टीटीसीए, ट्रांसपोर्टरों के साथ भी कन्वाई चालकों का नियोक्ता नियोजक का संबंध नहीं है. टेस्टिंग कार्ड के संबंध में यूनियन ने कहा है कि यह काफी अल्प समय के लिए जारी किया गया था, क्योंकि टाटा मोटर्स ने पहली बार डीजल वाहन का निर्माण किया था.
कन्वाई चालकों के मेडिकल सुविधा पर यूनियन का कहना है कि 1980 में मानवीय आधार पर शुरू की गयी थी. यूनियन की ओर से कहा गया कि यदि पूर्व कारखाना निरीक्षक अवधेश सिंह का कोई आदेश है तो उसे एसडीओ कार्यालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिए.