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सरना धर्म कोड की जरूरत नहीं

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव ने कहा : सरना भी हिंदू जमशेदपुर : सरना धर्म को माननेवाले लोग भी हिंदू ही हैं, वे अलग नहीं हैं. इस कारण सरना धर्म कोड की जरूरत नहीं, इसकी मांग करना उचित नहीं है. यह बातें केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव कहीं. श्री उरांव शनिवार […]

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव ने कहा : सरना भी हिंदू
जमशेदपुर : सरना धर्म को माननेवाले लोग भी हिंदू ही हैं, वे अलग नहीं हैं. इस कारण सरना धर्म कोड की जरूरत नहीं, इसकी मांग करना उचित नहीं है. यह बातें केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल उरांव कहीं. श्री उरांव शनिवार को शहर पहुंचने पर सोनारी एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत की.
श्री उरांव ने कहा कि सरना धर्म के लोगों के रीति-रिवाज, पूजा की व्यवस्था भी हिंदू की ही है, इस कारण इसमें किसी तरह की कोई अलग बदलाव की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि कुड़मी जाति को एसटी में शामिल करने तथा कुड़मी महतो का मामला उन तक पहुंचा है.
इससे संबंधित तमाम जानकारी हासिल की जा रही है. भारत सरकार की एजेंसियों से इसके बारे में रिपोर्ट लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची को लेकर कई सारे बदलाव करने के बारे में सोचा जा रहा है. ओलचिकी को इसमें शामिल कर लिया गया है. आने वाले दिनों में कुड़ूक, मुंडारी, गोंडी समेत कई भाषाएं हैं, जिन्हें पांचवीं अनुसूची में शामिल करने संबंधी फाइल आगे बढ़ी है. मंत्रलय इस पर विचार कर रहा है. उन्होंने बताया कि जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा की व्यवस्था पर सरकार विचार कर रही है.
उनके लिए छात्रवास बनाये जाने हैं जबकि उनकी पढ़ाई के लिए भी अलग से इंतजाम किये जा रहे हैं. स्वास्थ्य की गारंटी को लेकर मोबाइल डिस्पेंसरी की भी स्थापना की जायेगी. केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव का सोनारी एयरपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, सहित कई नेताओं ने स्वागत किया.

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