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सेपरेशन पर नहीं निकला रास्ता
जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान संशोधन को लेकर ली गयी कानूनी राय के बाद सोमवार को दो राउंड में ऑफिस बियररों की गहन चिंतन-मंथन की गयी. इस दौरान सबसे पहला मुद्दा संविधान में अगर कोई कंपनी से कर्मचारी अलग हो जाता है या रिटायर कर जाता है या फिर कंपनी विद्वेष को किसी […]
जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के संविधान संशोधन को लेकर ली गयी कानूनी राय के बाद सोमवार को दो राउंड में ऑफिस बियररों की गहन चिंतन-मंथन की गयी.
इस दौरान सबसे पहला मुद्दा संविधान में अगर कोई कंपनी से कर्मचारी अलग हो जाता है या रिटायर कर जाता है या फिर कंपनी विद्वेष को किसी से कंपनी से बाहर निकाल देता है, जिसका शब्द अंग्रेजी में सेपेरेशन लिखा गया है, उस परिस्थितियों में क्या हो सकता है. वहीं दूसरा मुद्दा था कि अगर अध्यक्ष या डिप्टी प्रेसिडेंट नहीं रहता तो कौन सा उपाध्यक्ष सीनियर होगा जो पूरे कामकाज को देखेगा. इसके पहले मुद्दे पर गहन विचार मंथन किया गया. इस दौरान यह चर्चा हुई कि अगर कंपनी द्वारा आगे चलकर कोई कदम उठाते हुए किसी भी ऑफिस बियरर को हटा देती है तो क्या होगा.
इस पर भी चर्चा की गयी.जबकि यह भी मंथन हुआ कि सेपरेशन को अगर लिख दिया जाता है तो कहीं इसका नाजायज लाभ नहीं उठा लें. इसके बीच का रास्ता निकालने के लिए पहले सुबह में दो घंटे तक जबकि शाम के वक्त भी दो घंटे मीटिंग चली. अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और महामंत्री बीके डिंडा मुख्य रूप से कमान संभाले हुए थे. लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. अब तय किया गया है कि सेपरेशन को लेकर फिर से मंगलवार को वे लोग मीटिंग करेंगे.
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