जमशेदपुर: टाटा स्टील के कर्मचारियों के बोनस समझौता को लेकर वार्ता शुरू हो गयी है. शुक्रवार को टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ यूनियन के अध्यक्ष पीएन सिंह, महामंत्री बीके डिंडा और डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु के साथ बैठक हुई. यह बैठक वैसे तो वेज रिवीजन के लिए बुलायी गयी थी, लेकिन चूंकि संजीव चौधरी टुन्नु की अध्यक्षता में बुलायी गयी ऑफिस बियररों की बैठक में यह प्रस्ताव आया था कि वेज रिवीजन के पहले बोनस समझौता पर हस्ताक्षर करा लिया जाये, इस कारण बोनस पर वार्ता शुरू हो गयी.
शुरूआत में मैनेजमेंट ने वित्तीय वर्ष 2011-2012 के वित्तीय परिणामों की जानकारी दी. चूंकि, मैनेजमेंट और यूनियन के बीच सितंबर 2012 को ही बोनस के फामरूला को लेकर समझौता हुआ था, इस कारण उसी आधार पर इस बार भी समझौता किया जायेगा. समझौता के मुताबिक कंपनी के विशुद्ध मुनाफे (टैक्स देने के बाद का मुनाफा और किसी चीज की बिक्री, संपत्ति और परिसंपत्तियों के बिक्री की राशि को हटाकर) का 2.95 फीसदी हिस्सा बोनस में मिलेगा. ऐसे में मैनेजमेंट ने उस आधार पर आंकड़ों की गणना की और बताया कि 148.99 करोड़ रुपये ही बोनस के मद में कंपनी की ओर से दी जा सकती है.
पिछली बार बोनस की राशि 182.47 करोड़ रुपये दी गयी थी, जिसके आधार पर 17.69 फीसदी बोनस की राशि कर्मचारियों को मिली थी. इस बार 33.48 करोड़ रुपये की कमी आयी है, जिसके आधार पर काफी मुश्किल से 14 फीसदी तक का बोनस ही कर्मचारियों को मिल सकेगा. ऐसे में यूनियन के तीनों पदाधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों के मनोबल को देखते हुए और उनके द्वारा किये गये प्रोडक्शन को देखते हुए इसकी राशि को बढ़ायी जाये और बेहतर समझौता किया जाये. इसके बाद तय किया गया कि इस मसले पर टाटा स्टील के एमडी हेमंत मधुसूदन नेरूरकर के साथ बातचीत होगी, जिसके बाद ही कोई फैसला लिया जायेगा. फिर से बातचीत करने का फैसला लिया गया है.