– प्री मैच्योर व कम वजन वाले बच्चों के इलाज में होगी सहूलियत – एमजीएम में सुविधा नहीं होने से ऐसे बच्चों को भेजा जाता है टीएमएच संवाददाता, जमशेदपुरप्री मैच्योर व कमजोर बच्चों का इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में नवजात सघन चिकित्सा इकाई (एनआइसीयू) व पेडियेट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) बनने के बाद भी इसकी शुरुआत नहीं हो पायी है. एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एएन मिश्रा ने बताया कि दोनों केंद्र की आधारभूत संरचना तैयार कर ली गयी है. इसके लिए उपकरण की खरीदारी हो रही है. एक सप्ताह में दोनों यूनिट शुरू कर दी जायेगी. इसके बाद यहां प्री-मैच्योर व कमजोर बच्चों का इलाज किया जायेगा. क्या है एनआइसीयू एक माह तक के नवजात को एनआइसीयू में रखा जाता है, जिसके शरीर का विकास ठीक से नहीं हो रहा हो. सांस व अन्य प्रकार की बीमारी से ग्रसित बच्चों को भी यहां रखा जाता है. क्या है पीआइसीयू एक साल से अधिक उम्र के गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज पीआइसीयू में किया जाता है. एनआइसीयू व पीआइसीयू की सुविधाएं- दोनों वार्ड पूरी तरह वातानुकूलित होना चाहिए – 24 घंटा शिशु रोग विशेषज्ञ की उपस्थिति जरूरी – इनक्यूवेटर, आक्सीजन, कॉर्डियो मॉनीटर – बच्चों को समुचित गरमी पहुंचाने के लिए रेडियंट वार्मर
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एमजीएम : जल्द खुलेगा पीआइसीयू व एनआइसीयू केंद्र (फोटो मनमोहन 6, 7)
– प्री मैच्योर व कम वजन वाले बच्चों के इलाज में होगी सहूलियत – एमजीएम में सुविधा नहीं होने से ऐसे बच्चों को भेजा जाता है टीएमएच संवाददाता, जमशेदपुरप्री मैच्योर व कमजोर बच्चों का इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में नवजात सघन चिकित्सा इकाई (एनआइसीयू) व पेडियेट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) बनने के बाद भी […]
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