तब से अब तक खर्च काफी बढ़ गया है. इसलिए दरों की समीक्षा हो. इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम का रसोई गैस के क्षेत्र में कारोबार है. ये कंपनियां वाणिज्यिक सिलिंडर बेचने के साथ 14.2 किलो वजन के सब्सिडी वाले सिलिंडर भी बेचती है. इसकी ढुलाई में खर्च होने वाली राशि में कुछ की भरपाई सरकार की तरफ से होती है.
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डिस्ट्रीब्यूटरों की मांग खारिज, ढुलाई पर नहीं बढ़ेगा कमीशन
जमशेदपुर: रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है. गैस सिलिंडर का दाम नहीं बढ़ेगा. रसोई गैस के (14.2 कलो) सिलेंडरों की ढुलाई पर कमीशन बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार ने खारिज कर दिया है. इन कंपनियों का कहना है कि जिस दर से ढुलाई पर कमीशन दिया जा रहा है, वह 2002 में निर्धारित की गयी […]
जमशेदपुर: रसोई गैस उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है. गैस सिलिंडर का दाम नहीं बढ़ेगा. रसोई गैस के (14.2 कलो) सिलेंडरों की ढुलाई पर कमीशन बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार ने खारिज कर दिया है. इन कंपनियों का कहना है कि जिस दर से ढुलाई पर कमीशन दिया जा रहा है, वह 2002 में निर्धारित की गयी थी.
रसोई गैस एसोसिएशन ने इस संबंध में कई बार मामला उठाया कि उनका कमीशन बढ़ाया जाना चाहिए. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम काफी घट गया है. इस वजह से उन्हें काफी इंवेंट्री घाटा हुआ है. बढ़े हुए खर्च का भार उठाने में सक्षम नहीं हैं. वर्तमान हालात में गैस सिलिंडरों की ढुलाई के लिए दर में समीक्षा संभव नहीं है. एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि इस मांग को उचित प्लेटफॉर्म पर फिर से उठाया जायेगा.
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